Imran Khan News: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कला सलाहकार शाहिद अहमद खान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका का पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. पीटीआई चीफ के 'साइफर ड्रामा' ने देश को दुनियाभर में हंसी का पात्र बना दिया है. 


जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार शाहिद अहमद खान ने कहा कि अमेरिकी सीनेटरों ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को नहीं, बल्कि मानवाधिकारों के संबंध में एक सामान्य पत्र लिखा था. उन्होंने आगे कहा कि इमरान खान के साइफर विवाद ने पाकिस्तान का दुनिया भर में मजाक बनवाया है. 


पाकिस्तान रिश्ते खराब करता है- शाहिद अहमद खान


बाइडेन के सलाहकार ने आगे कहा कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान महत्वपूर्ण देश बना हुआ है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के उन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह सच नहीं है कि चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों के कारण अमेरिका ने उन्हें नजरअंदाज किया है.


शाहिद अहमद खान ने आगे कहा कि अगर अमेरिकी सीनेटरों का पत्र इतना महत्वपूर्ण होता तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से सहायता नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन देशों और संस्थानों से रिश्ते खराब करता है जहां उसके हित जुड़े होते हैं. 


'आईएमएफ पाकिस्तान से खफा है'


शाहिद अहमद खान ने कहा कि आईएमएफ देश के स्थानीय नेतृत्व से खुश नहीं है. आईएमएफ इस बात से भी नाराज है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में किया गया समझौता लागू नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों ने इस बारे में पाकिस्तानी सरकार से बात तक नहीं की. इतना ही नहीं, उन्होंने आगे दावा किया कि अमेरिका में रहने वाले ज्यादातर पाकिस्तानियों को वहां की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. 


बता दें कि शनिवार को इमरान खान ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘साइफर गेट’ विवाद का पुनरुत्थान सत्तारूढ़ दलों की साजिश है, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाए. खान ने अपने बयान में यहां तक कह दिया कि इस मुद्दे को पुनर्जीवित करके सत्तारूढ़ दलों ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है.


क्या है साइफर केस? 


पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए बेहद गुप्त जानकारी का उपयोग किया. वहीं, इमरान खान का दावा है कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने में अमेरिका का बड़ा हाथ है. खान ने कहा कि वाशिंगटन स्थित पाक एंबेसी ने उन्हें एक केबल (टेप या गुप्त जानकारी) भेजा था. आरोप है कि इमरान खान ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए जानकारी को सार्वजनिक कर दिया था. 


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