पाकिस्तान में किस तरह से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर मानवाधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है ये बात किसी से छिपी हुई नहीं है. वहां पर आए दिन अल्पसंख्यकों समुदाय की बेटियों की किडनैपिंग, जरबन धर्म परिवर्तन और फिर उसके बाद निकाह और हत्या की खबरें आती रहती हैं. एक सिंधी-अमेरिकी संगठन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से अपील की है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और राष्ट्र प्रायोजित पर्यावरणीय क्षति की समस्या का समाधान करें.


सिंधी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक मुनवर लाघरी ने बाइडन को लिखे पत्र में कहा कि हर दिन लोगों को जबरन गायब करने, हत्याएं और धार्मिक अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.


पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘हम सिंधी आपके संज्ञान में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और सिंध प्रांत में जारी राष्ट्र प्रायोजित पर्यावरणीय आपदाओं को लाना चाहते हैं जिन्हें लोगों की जिंदगियों और सिंधी लोगों की आजीविका की कीमत पर अंजाम दिया जा रहा है.’’


पत्र में कहा गया, ‘‘हाल में लापता लोगों को ढूंढने के लिए निकाले गए लंबे मार्च में शामिल लोगों को सिंध-पंजाब की सीमा पर पहुंचते ही पीटा गया. महिला प्रदर्शनकारियों के बाल खींचे गए, उन्हें गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें जंजीरों में बांध दिया.’’ पत्र में सिंधी फाउंडेशन ने पाकिस्तान में सिंधु नदी पर चीन के सहयोग से बनाए जा रहे बांध का भी जिक्र किया.


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