अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बेलारूस के विमान को डायवर्ट करने की घटना को अपमानजनक बताया
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करने वाले पत्रकार रमन प्रतासेविच की बेलारूस में गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि एक पत्रकार की गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता पर शर्मनाक हमला है. उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगने चाहिए .
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करने वाले पत्रकार रमन प्रतासेविच की बेलारूस में गिरफ्तारी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने पत्रकार की गिरफ्तारी को प्रेस की स्वतंत्रता पर शर्मनाक हमला बताया है. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से इस घटना की जांच होनी चाहिए. बेलारूस ने इस फ्लाइट को मिंस्क में उतरने के लिए मजबूर किया था क्योंकि इसमें एक विपक्षी एक्टिविस्ट सवार था."
दरअसल, एथेंस से विलनियस जा रही रायनएयर पैसेंजर फ्लाइट ने 23 मई को अचानक अपना रूट बदला और बेलारूस की राजधानी मिंस्क की तरफ मुड़ गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट सुरक्षा अलर्ट को ध्यान में रखते हुए मिंस्क की तरफ मुड़ गई थी. उधर मिंस्क एयरपोर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि बम होने की सूचना के बाद फ्लाइट को लिथुआनिया की राजधानी विलनियस के बदले बेलारूस में लैंड कराया गया. फ्लाइट के लैंड होते ही 26 वर्षीय पत्रकार प्रोतसेविच को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रोतसेविच कुछ समय से निर्वासन में पोलैंड में रह रहे थे.
US President Joe Biden condemned Belarus for intercepting a commercial flight and arresting a journalist, and asked his advisers to give him options to hold those responsible to account: Reuters
— ANI (@ANI) May 25, 2021
(File photo) pic.twitter.com/1sO0XdXlzn
राष्ट्रपति एलक्जेंडर ने दिए थे आदेश
बेलारूस के राष्ट्रपति एलक्जेंडर लुकाशेंको की ओर से बताया गया कि फ्लाइट को डाइवर्ट करने का आदेश दिया गया था और इसके लिए एक मिग-29 फाइटर जेट भी भेजा गया था. वहीं, यूरोपियन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रोमन प्रोतसेविच की रिहाई की मांग की है. लेयेन ने कहा कि बेलारूस सरकार को इस मामले में कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगाने चाहिए." इससे पहले पोलैंड के प्रधानमंत्री ने भी बेलारूस के इस कदम को सरकारी आतंकवाद बताया था.
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