संयुक्त राज्य अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी अगले हफ्ते अपने पहले एशिया दौरे के चलते भारत की यात्रा करेंगे. दरअसल अप्रैल में वाशिंगटन में जलवायु शिखर सम्मेलन होना है जिसके चलते वो जलवायु संकट पर परामर्श करेंगे. इसके लिए वो 1 से 9 अप्रैल के बीच यूएई, भारत और बांग्लादेश का दौरा करेंगे. वहीं केरी भारत आने वाले बाइडन प्रशासन के दूसरे शीर्ष अधिकारी होंगे. जबकि मार्च में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने भारत का दौरा किया था. जॉन केरी ने ट्विटर पर कहा कि 'जलवायु संकट से निपटने के लिए यूएई, भारत और बांग्लादेश में दोस्तों के साथ सार्थक चर्चा की प्रतीक्षा कर रहा हूं'. जानकारी के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 22 अप्रैल से शुरू होने वाली दो दिवसीय जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 40 देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है.


शिखर सम्मेलन में निकलेगा हल


व्हाइट हाउस के एक बयान के मुताबिक नेताओं का शिखर सम्मेलन जलवायु संकट का हल निकालने में सफल रहेगा और इससे सभी देशों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जलवायु चर्चा पर रोक लगा दी थी लेकिन बाइडन सरकार ने एक बार फिर से इस चर्चा को आगे बढ़ाने के काम किया है.


क्या अमेरिका ग्रीनहाउस गैस को करेगा कम?


वहीं अब अमेरिका से उम्मीद की जा रही है कि वो जल्द ही पेरिस जलवायु समझौते की शर्तों के तहत अपनी ग्रीनहाउस गैस को कम करने के लिए महत्वाकांक्षी नई प्रतिबद्धताएं बनाएगा और दूसरों को अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करेगा. संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक माना जाता है.


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