पिछले सप्ताह पाकिस्तान में एक अनोखा मामला देखने को मिला. दरअसल, पुलिस अधिकारियों का एक समूह मुफ्त बर्गर देने से इंकार करने पर नाराज हो गया और उन्होंने फास्ट फूड रेस्टोरेंट के सभी 19 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया. शनिवार की रात लाहौर में जॉनी एंड जुगनू के स्टाफ को हिरासत में लेने के बाद सात घंटों तक कैद में रखा गया.
मुफ्त बर्गर परोसने से इंकार रेस्टोरेंट को पड़ा महंगा
बर्गर चेन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "हमारे रेस्टोरेंट के किचन में इस तरह की होनेवाली ये कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन हम सुनिश्चित होना चाहते हैं कि ये अंतिम हो." उसने फेसबुक पर बयान में कहा कि पुलिस अधिकारियों का एक समूह घटना से दो दिन पहले रेस्टोरेंट गया था और मुफ्त बर्गर की मांग की थी. मुद्दा उस वक्त शुरू हुआ जब रेस्टोरेंट ने व्यक्तिगत तौर पर अपील मानने से इंकार कर दिया. मुफ्त बर्गर की अपील खारिज होने पर पुलिस अधिकारियों ने हमारे मैनेजरों को धमकाया और चले गए, सिर्फ इसलिए ताकि अगले दिन हमारी टीम का उत्पीड़न करने और दबाव डालने के लिए आ सकें... बेबुनियाद दलीलों के साथ.
सात घंटे तक हिरासत में रखे गए सभी 19 कर्मी
रेस्टोरेंट का ये भी कहना था कि कर्मचारियों को किचन बंद करने की इजाजत नहीं दी गई, जिससे ग्राहकों को अपने ऑर्डर के लिए इंतजार करना पड़ा. सोशल मीडिया पर काफी आलोचना के बाद घटना में शामिल नौ पुलिस अधिकारियों को कल निलंबत कर दिया गया. ट्विटर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ईनाम घानी ने दावा किया. उन्होंने कहा, "कानून किसी को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं जाएगी. नाइंसाफी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूर्व में पंजाब क्षेत्र के पुलिस बल में सुधार की मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि स्थानीय नेताओं ने 'साथियों' को पुलिस स्टेशन चलाने के लिए नियुक्त किया है.
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