अमेरिकी लोगों को फाइजर और मॉडर्ना के बाद जल्द ही एक और कोरोना के खिलाफ महामारी में कारगर वैक्सीन मिल सकती है. जॉनसन एंड जॉनसन दवा निर्माता कंपनी की तरफ से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन की सिंगल खुराक वैश्विक ट्रायल दौरान हल्के और गंभीर बीमारियों को रोकने में 66 फीसदी प्रभावी पाई गई है. कोरोना वैक्सीन ट्रायल के नतीजे शुक्रवार को जारी किए गए हैं.


हालांकि, एक तरफ जहां अमेरिका में ट्रायल के दौरान जहां इसके शानदार नतीजे आए हैं तो वहीं दक्षिण अफ्रीका में इसके नतीजे कमजोर रहे. दक्षिण अफ्रीका में हाल में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आने के बाद वहां के लोगों में चिंता बढ़ गई है. जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के नतीजे सामने आने के बाद अमेरिका में जल्द ही तीसरे वैक्सीन के रूप में इसके इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है. इसके साथ ही, दुनिया के अन्य देशों में भी इस वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है.


ऐसा माना जा रहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पास अगले हफ्ते आवेदन दिया जा सकता है. अगर पहले दो वैक्सीन को दी गई मंजूरी के आधार पर इसकी समीक्षा की जाती है तो इसे फरवरी के आखिर तक या फिर मार्च के शुरुआत में आपात इस्तेमाल के लिए इस वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. गौरतलब है कि अमेरिका में किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए वहां के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पास आवेदन करना पड़ता है. वहां से मंजूरी के बाद ही उसका इस्तेमाल किया जाता है.


अमेरिका  दुनिया में सबसे ज्यादा कोविड-19 महामारी से प्रभावित रहा. सबसे ज्यादा मौत और कोरोना के मामले विश्व में यहीं पर आए हैं. जबकि, कोरोना के मामले में दूसरे नंबर पर भारत है. लेकिन, वैक्सीन आने के बाद अमेरिका ने तेजी के साथ लोगों को टीकाकरण का काम शुरू किया है.


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