(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Justice Aalia Neelum : पाकिस्तान में आलिया नीलम बनीं मुख्य न्यायाधीश, जानिए इतिहास रचने वाली यह महिला कौन
Justice Aalia Neelum : गुरुवार को न्यायमूर्ति आलिया नीलम को शपथ भी दिलाई गई. पंजाब के राज्यपाल सरदार सलीम हैदर खान ने उन्हें शपथ दिलाने के बाद बधाई भी दी
Justice Aalia Neelum : पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में एक महिला न्यायाधीश ने पहली बार पदभार संभाला है. गुरुवार को न्यायमूर्ति आलिया नीलम को शपथ भी दिलाई गई. पंजाब के राज्यपाल सलीम हैदर खान ने उन्हें शपथ दिलाने के बाद बधाई भी दी. इस समारोह में पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के अलावा न्यायाधीश, वकील और सरकारी अधिकारी समेत कई अफसर मौजूद थे. पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 193 के अनुसार न्यायमूर्ति आलिया नीलम को लाहौर उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की मंजूरी दी थी.
पहली बार लाहौर उच्च न्यायालय में महिला न्यायाधीश
डॉन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति नीलम एलएचसी के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में तीसरे स्थान पर चुनी गई थी. गुरुवार को राज्यपाल भवन में उनका शपथ ग्रहण समारोह किया गया. इससे पहले बलूचिस्तान में भी 2018 में न्यायमूर्ति सईदा ताहिरा सफ़दर को भी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जा चुका है. 2021 में न्यायमूर्ति आयशा मलिक भी पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त होने वाली पहली महिला न्यायाधीश बनी थीं. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार लाहौर उच्च न्यायालय में एक महिला न्यायाधीश के पद की शपथ ले रही है.
जानें सीजे नीलम के बारे में
सीजे नीलम को 2 दशकों से भी ज्यादा का अनुभव है. उन्होंने 1995 में लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की और बाद में उसी संस्थान से
पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की. सीजे नीलम के पास शरिया कानून, इस्लामाबाद के इस्लामिक विश्वविद्यालय से एडवांस शरिया कानून और पंजाब विश्वविद्यालय से बौद्धिक संपदा अधिकारों में डिप्लोमा के साथ-साथ शिक्षा में स्नातक की डिग्री भी है. न्यायमूर्ति नीलम ने 1996 में पंजाब बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया. जल्द ही संवैधानिक कानून, व्हाइट-कॉलर अपराध, सिविल, आपराधिक और आतंकवाद विरोधी कानून और बैंकिंग कानून में खुद को स्थापित कर लिया. उन्हें 2008 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था.2013 में लाहौर उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उन्हें नियुक्त किया गया.