हिंसा के बीच ट्रूडो का 'डांस' विवाद का कारण
मॉन्ट्रियल में चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच ट्रूडो का डांस सोशल मीडिया पर भारी आलोचना का कारण बन गया है. कुछ यूजर्स ने तो उन्हें कनाडा का 'नीरो' तक कह डाला. इसके बाद से ट्रूडो को सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है. यूजर ने लिखा जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था. कनाडा के सांसद डॉन स्टुअर्ट ने भी ट्रूडो की आलोचना करते हुए कहा कि जब प्रदर्शनकारी कानून हाथ में ले रहे हैं और देश में हिंसा फैल रही है तब प्रधानमंत्री का इस तरह के सार्वजनिक समारोहों में मस्ती करना वाकई निंदनीय है.
ट्रूडो ने वायरल वीडियो पर क्या कहा?
हालांकि इस विवाद के बाद प्रधानमंत्री ट्रूडो ने मॉन्ट्रियल में हुई हिंसा की कड़ी आलोचना की. उन्होंने इसे दर्दनाक घटना बताया और हिंसा के खिलाफ अपनी निंदा व्यक्त की. उनका कहना था कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. बावजूद इसके उनके टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट में थिरकने को लेकर आलोचकों का कहना है कि ट्रूडो को इस समय अपने कर्तव्यों और देश की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था बजाय इसके कि वह ऐसे समय में म्यूजिक का आनंद ले रहे थे.
कौन था नीरो ?
नीरो रोम का एक क्रूर सम्राट था जिसे इतिहास में अपनी निर्दयता और तानाशाही शासन के लिए जाना जाता है. उसके बारे में बताया जाता है कि उसने अपने ही परिवार के खिलाफ हत्याओं का आदेश दिया था. उसने अपनी मां, सौतेले भाई और अपनी पत्नियों की हत्या करवाई, ताकि वह अपनी सत्ता को और मजबूत कर सके.
सन् 64 ईसवी में रोम में भीषण आग लग गई थी जिसे इतिहास में 'रोम की आग' के नाम से जाना जाता है. ये आग इतनी भीषण थी कि पूरे रोम शहर को खाक कर दिया. अफवाहें थीं कि ये आग नीरो ने जानबूझकर लगवाई थी ताकि वह अपनी नई योजनाओं और निर्माण कार्यों के लिए जगह बना सके. इस आग के दौरान एक और कुख्यात कहानी फैल गई कि जब रोम जल रहा था तो नीरो अपनी बांसुरी बजा रहा था.
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