Justin Trudeau Govt: चंद दिनों के मेहमान रह गए जस्टिन ट्रूडो! भारत से विवाद के बीच छोड़नी पड़ सकती है PM की कुर्सी
Justin Trudeau : कनाडा का राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. जस्टिन ट्रूडो पर अविश्वास प्रस्ताव का दबाव और पार्टी के भीतर असंतोष ने उनकी स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
Justin Trudeau Gvot: कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इसके पीछे की वजह ये है कि उन पर इस्तीफा देने का दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इस बीच न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, जो कभी ट्रूडो सरकार की सहयोगी रही थी. उसने ऐलान किया है कि वो आने वाले दिनों में सदन में जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है. मामले पर MDP नेता जगमीत सिंह, जो खालिस्तानी समर्थक है. उन्होंने कहा है कि वे अगले महीने 27 जनवरी को हाउस ऑफ कॉमन्स के निर्वाचित सदन में औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नौ साल से अधिक समय के कार्यकाल पर संकट गहराता जा रहा है. विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है, और यदि यह प्रस्ताव सफल होता है, तो देश में आम चुनाव की नौबत आएगी. इसके पीछे कई सारी वजह है, जिसकी वजह से ट्रूडो की लोकप्रियता हाल के दिनों में गिरी है. इस दौरान पिछले 18 महीनों में हुए सर्वेक्षणों में जनता का गुस्सा साफ दिख रहा है. महंगाई और आवास संकट जैसे मुद्दे ट्रूडो की लोकप्रियता पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं.
जस्टिन ट्रूडो का बयान
हालांकि, इस्तीफे की खबरों के बीच ट्रूडो ने कहा कि वो पीएम पद नहीं छोड़ने वाले हैं. वह अपनी पार्टी का नेतृत्व करते हुए आगामी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन जगमीत सिंह ने भी कहा कि सरकार का समय टाइम खत्म हो चुका है. लिबरल पार्टी का नेतृत्व कोई भी करे, यह सरकार अब चल नहीं सकती. इसलिए उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है. इस कड़ी में विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिखाया है, जैसे ब्लॉक क्यूबेकॉइस और कंजर्वेटिव पार्टी ने प्रस्ताव को लेकर हामी भरी है.
क्या ट्रूडो देंगे इस्तीफा?
ट्रूडो ने हाल ही में कैबिनेट फेरबदल की अध्यक्षता की, जिससे वह अपने पद पर बने रहने का संकेत दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, ट्रूडो क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान अपने भविष्य पर विचार करेंगे. इस्तीफा देने की स्थिति में लिबरल पार्टी को अंतरिम नेता के साथ चुनाव लड़ना पड़ सकता है, जो पहले कभी नहीं हुआ. वहीं लगभग 20 लिबरल विधायकों ने ट्रूडो को पद छोड़ने के लिए कहा है. हालांकि, ट्रूडो के मंत्रिमंडल के सदस्य अभी भी वफादार बने हुए हैं. ट्रूडो अगर अपनी सरकार बचाने में कामयाब भी हुए तो लेकिन गिरती लोकप्रियता से उनकी स्थिति कमजोर बनी रहेगी.
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