Watch: संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मीडिया के सवालों से भागते नजर आये जस्टिन ट्रुडो, खालिस्तानी आतंकवादी को लेकर पत्रकार पूछ रहे थे सवाल
Trudeau Avoids Indian Media Questions: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लेकिन अब वह मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं.
India Canada Row: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत और कनाडा आमने-सामने हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि भारत इन्हें बेतुका बता ख़ारिज कर चुका है. अब जब ट्रुडो से मीडिया इस विषय पर सवाल कर रही है तो खुद चुप्पी साध ले रहे हैं.
दरअसल, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रुडो संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय आए हैं. जहां पत्रकार उनसे इस संबंध में सवाल कर रहे हैं. वहीं, ट्रुडो सवालों से बचते नजर आ रहे हैं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र परिसर के भीतर दो अलग-अलग अवसरों और दो अलग-अलग जगहों पर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने जस्टिन ट्रूडो से भारत की तरफ से 'खालिस्तान' आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंधित उनके आरोपों को खारिज किए जाने को लेकर सवाल पूछा, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है. जिसपर सुरक्षा कर्मियों से घिरे ट्रूडो ने कोई जवाब नहीं दिया.
निज्जर की हत्या को लेकर लगाए आरोपों के सवाल पर ट्रुडो साधी चुप्पी
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को ट्रुडो संयुक्त राष्ट्र परिसर में विशेष रूप से निर्मित एसडीजी पवेलियन में आयोजित जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन, यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक और ‘ग्लोबल कार्बन प्राइसिंग’ विषय पर एक कार्यक्रम में शामिल होने आये थे. जहां उनसे पत्रकार टकरा गए.
Visuals of Canadian PM Justin Trudeau at United Nations (UN) headquarters in New York, US. pic.twitter.com/itdbUnI2tm
— Press Trust of India (@PTI_News) September 21, 2023
बता दें कि ट्रूडो ने कनाडा की संसद में प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर (45) की हत्या में भारतीय एजेंटों को लेकर शामिल होने का आरोप लगाया था. जिसे भारत पहले ही खरिजकर चुका है.भारत का कहना है कि ‘कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और बेबुनियादी हैं.'