न्यूयॉर्क: स्पोर्ट्स वियर बनाने वाली कंपनी नाइकी को कल सोशल मीडिया पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा. कंपनी को अमेरिका के लोगों के गुस्से का सामना इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि इसने अमेरिकी फुटबॉलर कोलिन केपरनिक को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है. केपरनिक वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अमेरिका में जारी नस्लभेद के खिलाफ भारी विरोध जताया था. विरोध जताते हुए एक बार वो राष्ट्रगान के दौरान घुटनों पर बैठ गए थे. उन्हें ब्रांड एंबेस्डर बनाए जाने के नाइकी के इस फैसले ने एक बार फिर पूरे अमेरिका में राष्ट्रवाद को लेकर एक नई बहस को छेड़ दी है.


लोगों ने अपनी चीज़ों को पहुंचाया नुकसान





इसके विरोध में अमेरिका में लोगों ने अपने नाइकी के जूते जलाए, निवेशकों ने अपने शेयर बेचे और कुछ लोगों ने जूतों के बहिष्कार की मांग की. लोगों ने इस मुहिम को 'जस्ट बर्न इट' का नाम दिया है.


सोशल मीडिया पर पोस्ट की तस्वीरें





लोगों ने सोशल मीडिया पर जलाए गए जूतों की फोटो पोस्ट कर अपना विरोध जताया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसका विरोध जताते हुए कहा, "मैं कॉलिन केपरनिक के समर्थन से असहमत हूं, इस देश में आपके पास बहुत कुछ करने की स्वतंत्रता है लेकिन उन चीजों से बचना चाहिए जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों."

हासिल हो रहा जाने-माने लोगों का समर्थन
जहां नाइकी के इस फैसले का विरोध हो रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसके समर्थन में भी उतरे हैं. लोगों ने नाइकी के इस अभियान को बेहद ही साहसपूर्ण निर्णय बताया. स्ट्रेटजी कंसल्टिंग फर्म विवाल्डी के सीईओ एरिच जोआचिमस्थलर ने कहा, "यह मामला नाइकी ब्रांड के तौर पर और भी ज्यादा मजबूत कर रहा है."

द मीडिया किचन के सीईओ बैरी लोवेन्थल ने इस अभियान की सराहना की और कहा, "नाइकी अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स का उपयोग करने में काफी सफल रही है."

समर्थन में आए पूर्व ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद
यहां तक कि पूर्व ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने भी ट्वीट करते हुए कहा, "एनएफएल सीज़न इस हफ्ते शुरू होगा, दुर्भाग्य से एक बार फिर केपरनिक 7 एनएफएल रोस्टर पर नहीं है. वो एक बेहद अच्छे क्वार्टरबैक प्लेयर हैं बावजूद इसके वो रोस्टर पर नहीं हैं." आपको बता दें कि अहमदीनेजाद ने ये ट्वीट केपरनिक को लगातार नहीं खिलाए जाने के फैसले के खिलाफ किया है.





क्या है पूरा विवाद
एक विज्ञापन लॉन्च के मौके पर केपरनिक और एनएफ़एल (नेशनल फ़ुटबॉल लीग) के खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होकर इस विवाद को जन्म दिया. उनके बाद कई और खिलाड़ियों ने भी उन्हीं की तरह राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने के बजाए घुटनों के बल बैठकर विरोध प्रकट किया.


केपरनिक और एनएफ़एल के बाकी के खिलाड़ियों का ये विरोध पुलिस के हाथों कई अफ्रीकन-अमेरिकन लोगों की मौत और उसके बदले की गई कार्रवाई में हुई हत्याओं को लेकर अमरीका में नस्लीय भेदभाव के ख़िलाफ़ था. केपरनिक का कहना था कि वो तब तक राष्ट्रगान में शामिल नहीं होंगे जब तक अमरीका में नस्लीय रिश्ते बेहतर नहीं होंगे. इसके बाद उनके इस विरोध को लेकर काफी बहस हुई. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी केपरनिक के इस कदम को गलत ठहराया था.

अपने विरोध प्रदर्शन के बाद कैपेरनिक को 2017 सीज़न के लिए टीम में जगह नहीं मिली. जिसके बाद उन्होंने नेशनल फुटबॉल लीग पर मुकदमा चलाया. नाइकी ने 2011 से ही केपर्निक को प्रायोजित किया है और कहा है कि वो अपने 'जस्ट डू इट' कैंपेन की 30वीं वर्षगांठ पर एक कैंपेन के लिए कई चेहरे में से एक होंगे.

नए एड में ली गई है दमदार लाइन





आपको बता दें कि इस कैंपेन से जुड़े नए एड में बेहद दमदार लाइन ली गई है जिसमें कैपेरनिक की तस्वीर के साथ लिखा गया है- आप जिस बात पर भरोसा करते हैं उसपर आपका भरोसा बना रहना चाहिए. चाहे इसकी कीमत जो भी हो.