Astronaut Sunita Williams: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लाने में नासा कोई गलती नहीं करना चाहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे ही एक केस में कई अंतरिक्ष यात्रियों की हादसे में मौत हो गई थी. ऐसे में नासा अब सावधानी से काम ले रहा है. सुनीता विलियम्स और उनके साथ को अगले साल फरवरी में धरती पर वापस लाया जाएगा. नासा लगातार उनकी वापसी में देरी कर रहा है. अधिकारियों ने कहा कि सुनीता विलियम्स 8 महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहेंगी.


दरअसल, भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और छह अन्य लोगों की एक फरवरी 2003 में जान चली गई थी. उनका अंतरिक्ष शटल कोलंबिया टूटकर जल गया था. यह हादसा तब हुआ था, जब अंतरिक्ष शटल ने पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया था. यह नासा के अधिकारियों के लिए बहुत बड़ा सदमा था. इससे पहले 28 जनवरी 1986 को भी एक हादसा हुआ था. इसमें पूरे चालक दल की विस्फोट से मौत हो गई थी. इन दुर्घटनाओं में 14 अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी जान गंवाई थी. 


नासा की तरफ से की गई थीं गलतियां


नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने बताया कि दो दुर्घटनाओं ने अंतरिक्ष यात्रियों के बिना बोइंग स्टारलाइनर को वापस लाने के फैसले को बहुत प्रभावित किया. नेल्सन खुद एक अंतरिक्ष यात्री हैं और दो अंतरिक्ष शटल दुर्घटनाओं के जांच दल का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कहा कि NASA ने उस दौरान साफ तौर पर गलतियां की थीं. नासा में कल्चर तब ऐसा था कि जूनियर फ्लाइट इंजीनियरों की ओर से जोखिमों की चेतावनी के बावजूद किसी ने भी उन्हें नहीं सुना था. आज लोगों को मन की बात बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. 


आसमान में ही हुई थी कल्पना चावला की मौत


कल्पना चावला और चालक दल की मौत दक्षिणी अमेरिका में आसमान में ही हो गई थी. यह घटना तब हुई थी, जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया फिर से धरती के एटमॉस्टफियर (वातावरण) में प्रवेश कर रहा था. वह शेड्यूल्ड लैंडिंग से 16 मिनट पहले ही टूट गया. अब ऐसे में नासा ने फरवरी 2025 में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को वापस लाने का फैसला किया. इंजीनियरों ने मौजूदा स्थिति और अंतरिक्ष यान की उड़ान में जोखिमों के बारे में बताया है. नासा के अधिकारियों ने कहा कि वापसी के लिए अंतरिक्ष यान को बदलने का फैसला एकमत से लिया गया था.


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