US Presidential Election: कमला हैरिस और ट्रंप ने वोटरों को रिझाना किया शुरू, कर रहे एक से बढ़कर एक वादा, आप भी पढ़िए
US Presidential Election: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टियों ने अब वोटरों को रिझाना शुरू कर दिया है. कमला हैरिस ने इस बार सैलरी वालों को रिझाने का प्रयास किया है.
US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब 90 दिन से भी कम का समय बचा है. ऐसे में सभी पार्टियां पूरी ताकत लगा रही हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने 50 फीसद आबादी को टारगेट किया है. उन्होंने मिडिल क्लास लोगों की समस्याओं को हल करने का दावा किया है. दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप लगातार कमला हैरिस पर निजी हमले कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने खुद को कमला हैरिस से अधिक सुंदर बताया था.
कमला हैरिस ने रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एजेंडा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है. हैरिस ने अपनी इकनॉमिक पॉलिसी पेश करते हुए कहा कि आज भी अमेरिका के लाखों मिडिल क्लास लोग अपना घर खरीदने के सपने देख रहे हैं. ऐसे लोगों की सरकार की तरफ से मदद की जाएगी और टैक्स को कम करने का प्रयास किया जाएगा.
अमेरिका की 50 फीसदी आबादी मिडिल क्लास
कमला हैरिस ने कहा कि इसके साथ ही खाद्य और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमत घटाने का सरकार प्रयास करेगी. हेल्थ केयर के साथ चाइल्ड टैक्स क्रेडिट जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे मिडिल क्लास लोगों को फायदा मिल सके. दरअसल, अमेरिका की 50 फीसदी आबादी मिडिल क्लास में आती है. ऐसे में कमला हैरिस ने मिडिल क्लास को रिझाने का प्रयास किया है.
अमेरिका में घर बनाना मुश्किल
कमला हैरिस ने अपने इकोनॉमिक विजन में मिडिल क्लास पर जोर देते हुए कहा कि हम जानते हैं कि अमेरिका में अपना घर बनाना काफी मुश्किल काम है. हम हाउसिंग और दवाओं की कीमत पर नजर रखेंगे और उसे आम आदमी के काबिल बनाएंगे. इसके साथ ही हैरिस ने ग्रॉसरी की कीमतों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उल्लंघन करने पर पेनाल्टी लगाने के लिए कहा गया है.
भारत और अमेरिका के मिडिल क्लास में अंतर
भारत में भी अक्सर मिडिल क्लास की चर्चा होती रहती है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका के मिडिल क्लास और भारत के मिडिल क्लास में काफी अंतर है. प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोनाकाल से पहले 50 फीसदी आबादी मिडिल क्लास में आती थी. अमेरिका के मिडिल क्लास की कमाई 28 लाख से लेकर 86 लाख सालाना तक होती थी. हालांकि, इस कमाई का 33 फीसदी हिस्सा घर की ईएमआई या किराया देने में खर्च हो जाता है. दूसरी तरफ होम इंडिया क्रेडिट के मुताबिक, साल 2024 में भारत के मेट्रो सिटी में रहने वाला शख्स एवरेज 35 हजार महीना यानी 4.20 लाख रुपये सालाना कमाएगा.
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