आधुनिकीकरण के इस दौर में तकनीक का इस्तेमाल काफी तेजी से फैल रहा है. एक ओर जहां अत्याधुनिक टेक्नॉलिजी के विकास के कारण विद्यूत पर चलने वाले वाहन बाजार में आना शुरू हुए हैं वहीं सेल्फ ड्राइविंग टेक्निक का इस्तेमाल भी इस क्षेत्र में काफी तेजी से हो रहा है. हाल ही में लंदन में एक सेल्फ ड्राइविंग वाहन का ट्रायल शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य कम समय में ज्यादा जगहों पर दवाओं को पहुंचाना है.
दरअसल सेल्फ ड्राइविंग तकनीक पर चलने वाले इस रोबोट कार का नाम Kar-go रखा गया है. इसका निर्माण दूर दराज के घरों से लेकर जरूरतमंदों तक जल्द से जल्द दवाओं को पहुंचाने के लिए किया गया है. इस रोबोट वाहन के चारों तरफ कैमरे लगे हुए हैं. जो रियल टाइम में सेंसर की मदद से वाहन को अपने गंतव्य तक पहुंचाने पूरी तरह योगदान देते हैं.
इस सेल्फ ड्राइविंग कार रोबोट का निर्माण 'द एकेडमी ऑफ रोबोटिक्स' नाम की संस्था ने किया है. विलियम सचित्ती इस संस्था के संयोजक हैं. Kar-go एक बार में 48 पार्सल को ले जाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम स्पीड तकरीबन 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक है. वहीं इसे फूल चार्ज करने में 3 घंटे का समय लगता है.
Kar-go रोबोट से होम डिलीवरी की सुविधा काफी सालान, सस्ती और ईको-फ्रेंडली हो जाएगी. Kar-go रोबोट के अंदर रखे हुए पार्सल पर एक सेंसर लगा होगा जो अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद कार के पीछले हिस्से में बनी डिवाइस के जरिए स्कैन करने के बाद ग्राहक को दे दिया जाएगा.
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