Kargil Vijay Diwas 2024 : आज ही के दिन भारतीय सेना ने कारगिल में युद्ध जीतकर पाकिस्तान को धूल चटाई थी. इस युद्ध के दौरान कई देशों के दबाव भी झेले गए, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पीछे नहीं हटे. चारों तरफ से गोलीबारी और तोफों की आवाज से पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ तो इतने डर गए थे कि वह पूरे परिवार के साथ अमेरिका भाग गए थे. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, आज कारगिल की लड़ाई को 25 साल हो गए. इस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई थी. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज शरीफ से लगातार बातचीत की थी. कई रिपोर्ट बताती हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन ने नवाज शरीफ को उस वक्त काफी हड़काया भी था. क्लिंटन ने वॉशिंगटन बुलाकर नवाज शरीफ से स्पष्ट कहा कि वह कारगिल से अपनी सेना को वापस बुलाए.


जब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा, अब पाकिस्तान को बर्दाश्त नहीं करेंगे
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की थी कि अगर दोनों देशों से परमाणु हमला हो गया तो काफी दिक्कतें आएंगी. तत्कालीन सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के विश्लेषक ब्रूस रीडेल क्लिंटन के सहायक थे. इसको लेकर रीडेल ने 2002 में इंडियन एक्सप्रेस के लिए एक लेख लिखा था. जिसमें दावा किया 2 जुलाई को अटल बिहारी वाजपेयी और बिल क्लिंटन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. क्लिंटन से वाजपेयी ने साफ कर दिया था कि वह पाकिस्तान को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. वाजपेयी ने क्लिंटन पर दबाव डाला कि वह पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए तैयार करें, हम पीछे नहीं हटेंगे. रीडेल के लेख के मुताबिक, 4 जुलाई को ही क्लिंटन ने नवाज शरीफ से बात की. इस दौरान नवाज शरीफ भागते हुए अमेरिका पहुंचे थे.


डर की वजह से पूरे परिवार को लेकर पहुंचे अमेरिका


ऐसे में नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद मांगने लगे थे. क्लिंटन ने मदद करने के लिए कुछ शर्त रखी थीं, जिनमें पाकिस्तानी सेना को कारगिल से पीछे हटने को था. जब
पाकिस्तान को कोई विकल्प नहीं दिखा तो उसने अमेरिकी राष्ट्रपति की बात मान ली. रीडेल ने दावा किया कि पाकिस्तान में शरीफ इतने डर गए थे कि वह अपने पूरे परिवार को लेकर अमेरिका गए थे.