Surendran K Pattel: होनहार भारतीय दुनियाभर में झंडे गाड़ रहे हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी अमेरिकी-भारतीय सुरेंद्रन के पटेल की है, जिन्होंने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया है. दरअसल, भारत के बेटे ने अमेरिका के टेक्सास में जज बनकर इस मुहावरे को सार्थक कर दिखाया है. केरल में जन्मे 51 वर्षीय सुरेंद्रन के पटेल ने टेक्सास में जिला जज के रूप में शपथ ली है, जहां वे एक वकील के रूप में काम कर रहे थे.    


सुरेंद्रन के पटेल ने इस पद पर पहुंचने के लिए लंबा सफर तय किया है. केरल के कासरगोड में दिहाड़ी मजदूर के घर जन्में सुरेंद्रन केरल में पले-बढ़े. उन्होंने यहीं 10वीं कक्षा तक शिक्षा हासिल ही और फिर बाद में पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो गए. इसके बाद सुरेंद्रन ने अपने परिवार की मदद करने के लिए बीड़ी भी बनाई. सुरेंद्रन के पटेल के दोस्तों ने उनकी पैसे देकर सहायता की और बाद में उन्होंने एक होटल में नौकरी की, इसी की मदद से पटेल ने कानून की डिग्री हासिल की. 


1990 के दशक में कानून की प्रैक्टिस
सुरेंद्रन ने 1990 के दशक में केरल में ही कानून की प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया. वह 2007 में अमेरिका चले गए. उन्होंने 1 जनवरी को टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में 240वें जिला जज की शपथ ली है. सुरेंद्रन की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब उन्हें अटेंडेंस कम होने के कारण परीक्षा देने से रोक दिया गया था. इस दौरान सुरेंद्रन ने अपने प्रोफेसर से परीक्षा में बैठने का अनुरोध करते हुए कहा था कि अगर उनके अच्छे नंबर ना आएं तो आगे कॉलेज आने से रोक सकते हैं. इसके बाद उनके प्रोफेसर ने उन्हें परीक्षा में शामिल होने की परमिशन दे दी और सुरेंद्रन ने कॉलेज में टॉप किया.    


पत्नी की मदद से अमेरिका गए
सुरेंद्रन के पटेल की पत्नी नर्स हैं, पत्नी को साल 2007 में अमेरिका के एक अस्पताल में नौकरी करने का मौका मिला. इसके बाद ही सुरेंद्रन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ में अमेरिका के ह्यूस्टन चले गए. उन्होंने अमेरिका में वकालत करने के लिए नए सिरे से पढ़ाई शउरू कर दी और 2011 में ग्रेजुएट हुए. सुरेंद्रन को 2017 में अमेरिकी सिटीजनशिप मिल गई. उन्होंने 2020 में जिला जज बनने के लिए पहले प्रयास किया लेकिन विफल रहे. इसके बाद 2022 में दूसरे प्रयास में सुरेंद्रन को सफलता मिली है.   


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