Khaleda Zia: बांग्लादेश में चल रहे बड़े प्रदर्शन के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बताया कि शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जिसके बाद देश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का भी आदेश दे दिया.


राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने के बाद एक अंतरिम सरकार के गठन का एलान किया है. शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंदी जिया को एक भ्रष्टाचार के मामले में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद साल 2018 से ही वह जेल में हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि नई सरकार के गठन में एक बार फिर खालिदा जिया को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन जिया का प्रधानमंत्री बनना भारत के कुछ ठीक नहीं है.  


खालिदा जिया का राजनीतिक करियर
खालिदा जिया मौजूदा मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख हैं. 15 अगस्त 1945 को जिया का जन्म बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था. इनका राजनीतिक करियर उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद शुरू हुआ. जियाउर रहमान साल 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रह चुके थे. उन्होंने बांगालदेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना साल 1978 किया था. खालिदा जिया साल 1991 बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. 


जिया दो बार रह चुकी हैं प्रधानमंत्री
खालिदा जिया साल साल 2001 से 2006 तक दूसरे कार्यकाल में भी प्रधानमंत्री रहीं. साल 2007 के चुनावों में राजनीतिक हिंसा और आंतरिक कलह के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया और सत्ता पर सेना ने कब्जा कर लिया. अपने अंतरिम शासन के दौरान कार्यवाहक सरकार ने जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. मौजूदा समय में जिया गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं, कई बार उन्हें विदेश दवा कराने के लिए जाना होता है. 


चीन-पाकिस्तान समर्थक हैं जिया- एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का मानना है कि बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना का जाना भारत के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि खालिदा जिया के शासन के दौरान भारत के साथ कई तरह के तनाव रहे हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि खालिदा का झुकाव पाकिस्तान की तरफ है और उनकी पार्टी में तमाम कट्टरपंथी भरे हैं जो भारत के लिए समस्या हैं. फर्स्ट पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में जेएनयू के प्रोफेसर मनीष दाभाड़े के हवाले से बताया कि 'विपक्षी नेता खालिदा जिया की बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के कट्टरपंथी और इस्लामवादी भारत के लिए समस्या हैं. उन्होंने बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शन को हाईजैक कर लिया था. भविष्य में यदि जिया का शासन आता है तो भारत के लिए समस्या होगी, क्योंकि मूल रूप से जिया चीन और पाकिस्तान समर्थक हैं.  


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