ABP EXCLUSIVE: लक्ष्मी नारायण मंदिर पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों की ओर से किए गए हमले में बड़ी जानकारी सामने आई है. इस हमले को लेकर आतंकी संगठन Sikhs For Justice ने 48 घंटे पहले ही चेतावनी जारी की थी.
सिख फॉर जस्टिस ने पोस्टर जारी करके चेतावनी दी थी कि 3 नवंबर को भारत के लक्ष्मीनारायण मंदिर में आयोजित कंस्यूलर कैंप में वह खलल डालेगा और डेथ सर्टिफिकेट नहीं बांटने देगा. बीपी न्यूज के पास आतंकी संगठन की चेतावनी का एक्सक्लूसिव पोस्टर मौजूद है. इस चेतावनी के बाद भी कनाडा की सरकार ने इसे रोकने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया.
1 नवंबर को जारी किया गया था पोस्टर
एबीपी न्यूज के पास सिख फॉर जस्टिस का जो पोस्टर मौजूद है, उसे 1 नवंबर 2024 को जारी किया गया था. इस पोस्टर में आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने खुलेआम चेतावनी दी थी कि कनाडा में 2 नवम्बर को वैंकूवर स्थित गुरुद्वारे में और 3 नवंबर को सरे स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित भारत के कंस्यूलर कैंप में उसके लोग खलल डालेंगे. हैरानी की बात ये है कि इन चेतावनियों के बाद भी कनाडा की सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया. इससे साफ है कि कनाडा की सरकार खालिस्तानी आतंकियों को काफी आजादी देती है.
पुलिस ने अभी तक नहीं ठहराया है किसी को दोषी
दूसरी तरफ इस घटना के बाद ट्रूडो सरकार का खालिस्तानी कट्टरपंथियों से प्यार एक बार फिर उजागर हो गया है. ब्रैम्पटन में पहले तो खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू सभा के मंदिर पर हमला किया, वहीं मामला बढ़ने और कई नेताओं की तरफ से इसे उठाने के बाद भी कनाडा पुलिस ने किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार कर दिया है. पील क्षेत्रीय पुलिस के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. पुलिस ने कथित हिंसा के लिए किसी को दोषी ठहराने से भी इनकार कर दिया है. .
प्रदर्शन करते-करते अंदर घुसे और मचाने लगे उत्पात
इस घटना का जो वीडियो सामने आया है उसमें कट्टरपंथी पहले तो भारत के विरोध में ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में रविवार (3 नवंबर 2024) को प्रदर्शन करते दिख रहे हैं. इसके बाद अचानक से वे मंदिर पर धावा बोल देते हैं. इस दौरान मंदिर में परिसर में मौजूद कई हिंदुओं से मारपीट भी की गई. कुछ लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया.
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