कौन हैं Kim Jong Un के साथ रहने वाले 12 फिदायीन कमांडो? इस तरह 'सनकी तानाशाह' चुनता है अपने बॉडीगार्ड्स
Kim Jong Un: 2018 में पहली बार किम जोंग उन के काफिले के साथ दौड़ते इन सुरक्षा गार्ड्स की तस्वीरों ने पूरी विश्व की मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.
Kim Jong Un Bodyguards: आज हम आपको काले रंग की मर्सिडीज में घूमने वाले एक शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है. यह और कोई नहीं बल्कि किम जोंग उन है. नॉर्थ कोरिया का तानाशाह, जो बात-बात पर न्यूक्लियर बम चलाने की धमकी देता है. जिसकी तस्वीरें मिसाइल लॉन्चिंग के साथ दुनिया देखती आई है वो मिसाइलें ऐसे दागता है, जैसे कोई खिलौना हो. आज हम किम जोंग के हथियारों की सनक के बारे में बात नहीं करेंगे, बल्कि उसके काफिले के साथ दौड़ते, चलते-फिरते 12 बम के बारे में बताने जा रहे हैं.
ये 12 फिदायीन सनकी तानाशाह के बॉडीगार्ड हैं, जो उसकी कार को घेरकर दौड़ते दिखाई पड़े हैं. चलिए बताते हैं कि आखिर हम क्यों इन्हें चलता-फिरता फिदायीन बोल रहे हैं. दरअसल, ये किग जोंग के लिए कुछ भी कर सकते हैं. इनको ट्रेनिंग इसी तरह से दी गई है है. इनका इस तरह से माइंड वॉश किया जाता है कि ये कुछ भी करके किम जोंग को बचाएंगे चाहें फिर वो खुद को या किसी और को ही क्यों न उड़ा दें. यानी अपने नेता की जान बचाने का ही इनका एकमात्र जीवन का मकसद है.
कौन हैं ये बॉडीगार्ड्स ?
क्यों खास है नॉर्थ कोरिया के तानाशाह 'किम जोंग उन' की कार के साथ दौड़ता ये काफिला ? किसी भी सार्वजनिक मौके पर तानाशाह किम जोंग उन की कार के पीछे ब्लैक कोट-बूट में दौड़ते बॉडीगार्ड्स दिखाई पड़ते हैं. आखिर, कौन हैं ये बॉडीगार्ड्स. साल 2018 में पहली बार किंग जोंग के काफिले के साथ दौड़ते इन सुरक्षा गार्ड्स की तस्वीरों ने पूरी विश्व की मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.
किम जोंग तब सिंगापुर में हुए समिट में शामिल होने के लिए किम जोंग पहुंचे थे और उनकी कार के साथ-साथ ये बॉडीगार्ड्स दौड़ते दिखाई दिए थे. लंबे-चौड़े और बेहद फुर्तीले दिखने वाले ये सुरक्षा गार्ड कोई आम गार्ड्स नहीं हैं, बल्कि ये सिक्योरिटी गार्ड्स उत्तर कोरिया के चुनिंदा सबसे वफादार माने जाने वाले परिवारों में से चुने जाते हैं.
इन बॉडीगार्ड्स की खासियत क्या है ?
किम की मर्सिडीज गाड़ी के साथ-साथ दौड़ लगाने वाले ये बॉडीगार्ड सेंट्रल पार्टी ऑफिस का हिस्सा हैं. इन्हें कोरियाई पीपुल्स आर्मी (केपीए) से चुना जाता है और ये किम के चारों ओर एक घेरा बनाकर दौड़ते हैं.
इन बॉडीगार्ड्स को चुनने की प्रक्रिया भी काफी दिलचस्प है
1. हर बॉडीगार्ड की लंबाई किम जोंग की लंबाई के लगभग बराबर होनी चाहिए. ताकि किम जोंग जब कार से उतरें, तो वो साथ खड़े बॉडीगार्ड्स से छोटा या फिर उनसे किसी भी सूरत में कमतर न दिखें.
2. सिक्योरिटी गार्ड्स को आंखों से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं होनी चाहिए.
3. ये बॉडीगार्ड्स निशानेबाजी और मार्शल आर्ट में माहिर होने चाहिए.
4- इनके सेना से होने के बावजूद, इन्हें किम के सुरक्षा घेरे में शामिल होने के बाद नए सिरे से ट्रेनिंग दी जाती है.
5- साथ ही, इन बॉडीगार्ड्स के बैकग्राउंड की सख्त जांच होती है, जिसमें उनके परिवार की दो पीढ़ियों तक की जांच की जाती हैं.
6- खास बात ये भी है कि किम जोंग को सुरक्षा देने वालों की राजनैतिक समझ भी बारीक होनी चाहिए.
इन बॉडीगार्ड का काम क्या है ?
ब्लैक सूट-बूट वाले ये कमांडो अपने नेता यानी की किम के चारों ओर एक गोल घेरा बनाकर चलते हैं. ये 360 डिग्री से लोगों पर नजर रखते हैं. इनमें से तीन से पांच बॉडीगार्ड किम के आगे-आगे चलते हैं या कहें उनसे पहले आगे बढ़ते हैं. वहीं, किम के अलग-बगल 4 से 6 बॉडीगार्ड रहते हैं, यानि उनके दाएं और बाएं तरफ दो से तीन बॉडीगार्ड होते हैं जबकि काफिले के पीछे की ओर चार से पांच बॉडीगार्ड तैनात रहते हैं.
नॉर्थ कोरिया के शासन में इन ब्लैक कमांडो की ताकत का अंदाजा आप इसी ले लगा सकते हैं कि नॉर्थ कोरियाई नागरिकों में से सिर्फ वो केवल कुछ ही लोग हैं, जिन्हें अपने देश के सबसे बड़े नेता (किम जोंग) के बगल में हथियार ले जाने की इजाजत है. अपने पिता से उलट किम जोंग के बॉडीगार्डों की संख्या कम है. कहा जाता है कि जैसे ही किम की गाड़ी की रफ्तार धीमी हो जाती है, काले लिबास वाले ये ब्लैक कमांडो रहस्यमयी तरीके से वहां दिखाई देने लगते हैं.
एक चींटी भी पार नहीं कर सकती सुरक्षा घेरा
बता दें कि, स्टोव-पाइप कमांड स्ट्रक्चर के साथ किम जोंग की अपनी एक लाख आदमियों की सेना है, जो सीधे उसे रिपोर्ट करती है. इस एलीट यूनिट को गार्ड कमांड के नाम से जाना जाता है. किम की सुरक्षा दुनिया के सबसे कड़े सुरक्षा परतों में से एक है, कहते हैं कि यहां किम की सिक्योरिटी इतनी टाइट हैं कि एक चींटी तक सुरक्षा घेरा पार कर नहीं गुजर सकती हैं.
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