नहीं बाज आ रहा किम जोंग उन! पूर्वी सागर में उत्तर कोरिया ने फिर दागी कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल, दक्षिण कोरिया ने की पुष्टि
उत्तर कोरिया की सेना ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अभ्यास की आलोचना की थी. सेना की ओर से कहा गया कि यह एक विजिलेंट स्टॉर्म अभ्यास था और इसने जानबूझकर तनाव को बढ़ाया.
North Korea Fires Ballistic Missile: उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पूर्वी सागर में एक छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) दागी. दक्षिण कोरियाई सेना (South Korea Army) के अनुसार, एक सप्ताह से कुछ अधिक समय में यह पहला मिसाइल उकसावा है. ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (JCS) ने कहा कि उन्होंने सुबह 10:48 बजे कांगवोन प्रांत के वॉनसन क्षेत्र से प्रक्षेपण का पता लगाया. हालांकि, मिसाइल से जुड़ी और जानकारी उन्होंने नहीं दी.
उत्तर कोरिया ने दी थी चेतावनी
जेसीएस ने संवाददाताओं को भेजे संदेश में कहा, "हमारी निगरानी और सतर्कता को मजबूत करते हुए हमारी सेना संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ घनिष्ठ सहयोग में पूरी तरह से तैयार है." इससे पहले, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन-हुई ने चेतावनी दी थी कि अगर संयुक्त राज्य अमेरिका क्षेत्रीय सहयोगियों के प्रति अपनी 'विस्तारित प्रतिरोध' प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक कदम पर अड़ा रहा तो उत्तर कोरिया 'कठोर' सैन्य कार्रवाई करेगा.
अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की त्रिपक्षीय बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को नोम पेन्ह में वार्षिक क्षेत्रीय सभाओं के हाशिये पर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिज्ञा की पुष्टि की. बता दें कि उत्तर कोरिया ने पहले 9 नवंबर को पूर्वी सागर में कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी.
क्या उत्तर कोरिया करेगा न्यूक्लियर टेस्ट?
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मई महीने से कह रहा है कि उत्तर कोरिया 2017 के बाद से अपना पहला परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है लेकिन इसका वास्तविक समय स्पष्ट नहीं है. वाशिंगटन, सियोल और टोक्यो ने शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि प्योंगयांग के परमाणु परीक्षण को 'मजबूत और दृढ़ प्रतिक्रिया' मिलेगी. उधर उत्तर कोरिया ने कहा कि उसकी सैन्य गतिविधियां अमेरिका के नेतृत्व वाले अभ्यासों के लिए 'वैध और उचित प्रतिक्रिया' हैं.
इससे पहले, उत्तर कोरिया की सेना ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अभ्यास की आलोचना की थी. सेना की ओर से कहा गया था कि यह एक विजिलेंट स्टॉर्म अभ्यास था और इसने जानबूझकर तनाव को बढ़ाया और आक्रमक फैसले के लिए उकसाया. सेना ने इसे बहुत उच्च आक्रामक प्रकृति का एक खतरनाक युद्ध अभ्यास बताया था.