Kim Jong Un in Russia: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन मंगलवार (12 सितंबर 2023) को रूस पहुंचे. वह यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन करेंगे. किम जोंग उन अपनी शानदार सजी हुई निजी ट्रेन से रूस पहुंचे हैं. उनके साथ अन्य राजनयिकों और सैन्य कमांडरों के अलावा आर्म्स इंडस्ट्री के टॉप अधिकारी भी थे. इस दौरे में किम जोंग उन और पुतिन के बीच बातचीत का मुद्दा पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते मजबूत करना होगा. इसके अलावा दोनों देश अमेरिका की चुनौती से निपटने को लेकर भी रणनीति बना सकते हैं.
दोनों देश इन चीजों पर कर सकते हैं डील
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान पुतिन किम से रूसी सेना के लिए तोपखाने के गोले और एंटीटैंक मिसाइलों की मदद मांगेंगे. वहीं, इसके बदले में किम जोंग उन पुतिन से एडवांस सैटेलाइट और परमाणु-संचालित पनडुब्बी टेक्नॉलजी की मांग करेंगे. इसके अलावा किम जोंग उन रूस से खाद्य सहायता की भी मांग करेंगे. दरअसल, कई रिपोर्ट में दावा किया जा चुका है कि उत्तर कोरिया के कुछ हिस्सों में भुखमरी की स्थिति है. इसके अलावा दोनों नेता कई अन्य संवेदनशील विषयों पर भी चर्चा करेंगे.
हवाई जहाज की जगह ट्रेन से सफर करने की वजह क्या है
किम जोंग उन के ट्रेन से रूस पहुंचने की तस्वीर वायरल होने के बाद ये सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है कि आखिर किम जोंग उन हवाई जहाज़ से यात्रा करने की जगह ट्रेन से सफर करना क्यों पसंद करते हैं? दरअसल, न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन के पिता, किम जोंग इल और उनके दादा, किम इल सुंग, दोनों उड़ान भरने से डरते थे. यह डर संभवतः तब पैदा हुआ जब किम जोंग इल और किम इल सुंग ने एक उड़ान के दौरान अपने जेट में विस्फोट देखा था. इस घटना के बाद किम इल सुंग 1986 में एकबार सोवियत संघ गए थे. यह आखिरी बार था जब उत्तर कोरियाई नेता ने तीन दशकों से अधिक समय में हवाई मार्ग से विदेश यात्रा की थी.
हालांकि, कथित तौर पर किम जोंग उन स्विट्जरलैंड में अपने बोर्डिंग स्कूल के दिनों के दौरान लगातार उड़ान भरते थे. लेकिन 2011 में पदभार संभालने के बाद से उन्होंने उड़ान भरना लगभग बंद कर दिया. 2018 में आखिरी बार वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात के लिए सिंगापुर हवाई जहाज से ही गए थे. कई लोगों का मानना है कि ट्रेन से यात्रा करने के पीछे का कारण अपने परिवार की परंपरा का पालन करना और अपने बड़ों के प्रति सम्मान दिखाना हो सकता है.
ट्रेन में सुरक्षा का रखा गया है खास ध्यान
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन की ट्रेन, वही है जिसे उनके पिता और दादा इस्तेमाल करते थे. इसमें आलीशान सोफे और कॉन्फ्रेंस रूम की व्यवस्था है. ट्रेन में 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां रहती हैं. उन के काफिले में दो ट्रेन चलती है. लगभग 100 सुरक्षा एजेंटों को संभावित खतरों से निपटने के लिए स्टेशनों पर आगे भेजा जाता है, जबकि अन्य ट्रेनों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए स्टेशनों पर बिजली बंद कर दी जाती है.
इतनी है किम जोंग उन के ट्रेन की रफ्तार
यह ट्रेन वैसे तो सुरक्षा के लिहाज से काफी मजबूत है, लेकिन रफ्तार के मामले में यह बाइक से भी स्लो है. इसकी रफ्तार 50 किमी/घंटा (31 मील प्रति घंटा) है, जो अधिकतर आधुनिक ट्रेनों की तुलना में बहुत कम है. मजबूती के मामले में इसकी तुलना लंदन की हाई-स्पीड रेल से की जाती है जो लगभग 200 किमी/घंटा और जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन 320 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है.
कई सुविधाओं से लैस है यह ट्रेन
हरे रंग की यह ट्रेन पूरी तरह बुलेटप्रूफ है. इसके अंदर एक रेस्तरां भी है जिसमें कीमती फ्रेंच वाइन की भरमार है. इसमें सवार लोग लाइव लॉबस्टर और पोर्क बारबेक्यू का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा, ट्रेन में कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडियेंस रूम, कई बेडरूम भी हैं. इन बेडरूम में ब्रीफिंग के लिए सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टेलीविजन भी लगे हुए हैं.
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