North Korea: उत्तर कोरिया अपने अजीबोगरीब नियमों को लेकर अकसर चर्चा में रहता है. वहीं, आज एक बार फिर इसी उत्तर कोरिया सख्त तेवर को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल, मानवाधिकार संगठन ने बताया, उत्तर कोरिया ने बीते 3 सालों में 7 लोगों को मौत की सजा केवल इसलिए दे दी क्योंकि उन्होंने कुछ डिस्टर्बिंग दक्षिण कोरियाई वीडियो को देखा था. वहीं, बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जॉन्ग उन ने सजा का ऐलान किया था.
सियोल की अधिकार संगठन, ट्रांजिशनल जस्टिस वर्किंग ग्रुप ने छह साल में 683 उत्तर कोरियाई दलबदलुओं के साथ इंटरव्यू किया जिसके बाद 27 को डॉक्यूमेंटशन के रूप में पेश किया. इनमें से अधिकतर में ड्रग्स, वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी से संबंधित अपराधों का आरोप लगाया था.
समाचार पत्र के दावों को किया था पेश
इनमें साल 2021 मई में दक्षिण कोरिया की ऑनलाइन समाचार पत्र डेली एनके द्वारा किए गए दावों को पेश करते हुए कहा कि, उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से दक्षिण कोरियाई फिल्मों और संगीत वीडियो वाली सीडी और यूएसबी बेचने के लिए "अवैध रूप से" एक शख्स को मार डाला था.
2014-16 के बीच 6 की मौत
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि दक्षिण कोरियाई मीडिया को देखने और उसे डिस्ट्रीब्यूट करने के आरोप में 6 लोगों को 2012 और 2014 के बीच रेयानगांग प्रांत में मार दिया गया था. वहीं एक शख्स को 2015 में उत्तरी हैमग्योंग प्रांत के चोंगजिन शहर में मारा गया था.
हंसने पर लगा बैन
बता दें, उत्तर कोरिया में बीते दिनो हंसी पर बैन लगाने का ऐलान किया गया है. दरअसल उत्तर कोरिया में पूरे 10 दिनों तक किसी का भी हंसना मना है. इन 10 दिनों के दौरान देश का कोई भी इंसान खुशियां नहीं मना सकता. वहीं इस ऐलान का पूरी तरह पालन किया जाए यह सुनिश्चित करने के लिए हर शहर में पुलिस तैनात किए गए हैं. उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना है कि 11 दिसंबर से 27 दिसंबर के बीच सार्वजनिक जगहों पर लोग हंसते हुए ना दिखाई दें.