Kim Jong-un Visit Russia: मुसीबत में पुतिन के लिए तानाशाह ने बढ़ाया हाथ, रूस जाएंगे किम जोंग उन, हथियार सौदे पर बनेगी बात
Kim Jong-un And Putin Plan To Meet: किम जोंग उन जल्द ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस जा सकते हैं. जहां युद्ध के लिए मॉस्को को हथियार उपलब्ध कराने पर चर्चा हो सकती है.
Russia North Korea Relation: यूक्रेन के साथ लम्बे समय से जारी जंग के बीच रूस को अब बाहरी सैन्य सहायता की जरुरत पड़ने लगी है. ऐसे में रूस हथियारों के लिए उत्तर कोरिया की तरफ देख रहा है. दरअसल, अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन जल्द ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस जा सकते हैं. जहां युद्ध के लिए मॉस्को को हथियार उपलब्ध कराने पर चर्चा हो सकती है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, किम उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से संभवतः बख्तरबंद ट्रेन से रूस के प्रशांत तट पर व्लादिवोस्तोक तक यात्रा करेंगे. जहां वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, पुतिन चाहते हैं कि उत्तर कोरिया रूस को तोपखाने के गोले और एंटीटैंक मिसाइलें दे, साथ ही किम चाहते हैं कि रूस उत्तर कोरिया को उपग्रहों और परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के लिए उन्नत तकनीक प्रदान करे.
व्हाइट हाउस ने पहले ही किया था दावा
इससे पहले व्हाइट हाउस की तरफ से दावा किया गया था कि रूस ने यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तर कोरिया से हथियार मांगे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन ने किम जोंग उन को पत्र लिखकर मिसाइल, बम, गोला-बारूद और अन्य युद्धक सामग्री की मदद करने को कहा था.. रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि किम मॉस्को भी जा सकते हैं, लेकिन यह अनिश्चित है.
व्लादिवोस्तोक में हो सकती है मीटिंग
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि किम जोंग उन और पुतिन के बीच मीटिंग रूस के उत्तरी तट पर स्थित शहर व्लादिवोस्तोक में हो सकती है. बीते महिने उत्तर कोरिया की एक टीम इसी शहर में पहुंची थी. इसमें किम जोंग उन के सुरक्षा अधिकारी भी शामिल थे. इससे पहले, 2019 में भी किम जोंग अपनी स्पेशल ट्रेन से व्लादिवोस्तोक पहुंचा था.
अमेरिका पहले ही दे चुका है चेतावनी
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की तरफ से उत्तर कोरिया को चेतावनी भी दी गई कि अगर वह रूस के साथ हथियारों का व्यापार करता है तो उसे प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ सकता है. गौरतलब है कि व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बीते 30 अगस्त को कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका चिंतित है कि दोनों देशों के बीच हथियार वार्ता सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही है.