दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से मिले किम जोंग, विजिटर बुक में लिखा- नए इतिहास की शुरुआत
दुनिया में बन रही अपनी छवि को तोड़ते हुए किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने के दक्षिण कोरिया के प्रयासों का साथ दिया. किम जोंग का दक्षिण कोरियाई नेता से मुलाकात के लिए तैयार होना पूरे विश्व के लिए हैरान करने वाली खबर थी.
डीएमजेड: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच आज मुलाकात हुई. पूरी दुनिया की नजरें इस ऐतिहासिक बैठक पर टिकी हुई थीं. कोरियाई युद्ध के बाद पहली बार कोरियाई देशों के नेता आपस में मिले हैं. यह मुलाकात दोनों देशों की सीमा पर बने डिमिलिट्राइज़ जोन यानि डीएमजेड पर हुई. डीएमजेड में बने पनमूनजेओम गांव के 'पीस हाउस' में किम जोंग और मून जे इन मिले.
किम ने विजिटर बुक में लिखा- नए इतिहास की शुरुआत बैठक के बाद विजिटर्स डायरी में किम जोंग ने मुलाकात को ऐतिहिसक बताया. किम जोंग ने लिखा यहां से एक नया इतिहास लिखा जाएगा. हम शांति स्थापित करने वाले इतिहास के नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं. अमेरिका ने भी इस बैठक का स्वागत किया है.
WATCH: North Korean leader Kim Jong Un, crosses the southern border to meet rival Moon Jae-in for the summit on nuke crisis in Panmunjom. #SouthKorea pic.twitter.com/hq58iYQcUz
— ANI (@ANI) April 27, 2018
'सनकी तानाशाह' -ये थी किमजोंग की पहचान दोनों नेताओं की मुलाकात के लिए हो रहे इस सम्मेलन को 'इंटर कोरियन समिट का नाम दिया गया है. ये पहला मौका है जब किम जोंग उन दक्षिण कोरिया से शांति बहाली के लिए तैयार हो गया है. दरअसल इससे पहले तक उसकी पहचान एक सनकी तानाशाह की थी जो परमाणु हथियारों के परीक्षण और मिसाइल टेस्ट के लिए दुनियाभर में जाना जाता था. दुनिया उसे रॉकेट-मैन के तौर पर भी जानने लगी थी.
कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने के लिए मिले दोनों नेता दुनिया में बन रही अपनी छवि को तोड़ते हुए किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने के दक्षिण कोरिया के प्रयासों का साथ दिया. किम जोंग का दक्षिण कोरियाई नेता से मुलाकात के लिए तैयार होना पूरे विश्व के लिए हैरान करने वाली खबर थी.
फरवरी में रखी गई थी मुलाकात की नींव इस शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा और उद्देश्य कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु हथियारों पर रोक और शांति स्थापित करना है. इस सम्मेलन की नींव तभी रखी गई थी जब फरवरी के महीने में किम जोंग उन की बहन विंटर ओलंपिक्स में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण कोरिया आई थी.
डोनाल्ड ट्रंप से भी होनी है किम जोंग की मुलाकात आज होने वाली मीटिंग में किम जोंग उन दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सेना को हटाने पर भी जोर दे सकता है. 1950 के कोरियाई युद्ध के बाद से ही अमेरिकी सेना दक्षिण कोरिया में तैनात है. बता दें कुछ दिनों बाद किम जोंग उन की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी होनी है.
दो बार पहले भी हो चुका है ऐसा सम्मेलन इससे पहले वर्ष 2000 और 2007 में भी ऐसा सम्मलेन हुआ था लेकिन दोनों ही बार शांति अस्थायी तौर पर ही हो सकी थी. ये दोनों बैठकें उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में हुईं थीं. इस बार किम जोंग उन बैठक के लिए खुद डीएमजेड पर गया है.
क्या है डीएमजेड? डीएमजेड में दोनों देशों के बीच में एक रेखा खींची गई है. डिमार्केशन लाइन के उत्तर का हिस्सा उत्तर कोरिया के पास है जबकि दक्षिण का क्षेत्र दक्षिण कोरिया का हिस्सा है. कोरियाई युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में उत्तरी कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच एक बफर जोन बना दिया गया. इसे डिमिलेट्राइजड जोन कहा जाता है.
250 किलोमीटर लंबे और करीब चार (04) किलोमीटर चौड़े इस जोऩ में दोनों देश अपनी सेनाओं या फिर सैनिकों को तैनात नहीं कर सकते हैं. ये पूरा इलाका यूएन यानि संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आता है. यहां तक की कोई शहर गांव या बस्ती भी इस पूरे इलाके में नहीं बनाई जा सकती है. यहां सिर्फ बिना हथियारों के चंद सैनिक रहते हैं. मात्र 250 किलोमीटर लंबे बॉर्डर के दोनों तरफ करीब 10 लाख सैनिक हमेशा तैनात हैं.
भारतीय समय के मुताबिक किम जोंग उन का कार्यक्रम
- सुबह 6 बजे उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रध्यक्षों के बीच मुलाकात.
- सुबह 7 बजे दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्ष अपने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता करेंगे.
- दोपहर में दोनों राष्ट्रध्यक्ष अलग अलग लंच करेंगे
- दोपहर 12.30 बजे डीएमजेड पर 65 साल पुराने पेड़ पर मिलेंगे. ये पेड़ कोरियाई युद्ध (1950-53) के खत्म होने के समय का है.
- रात में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून किम जोंग उन के लिए डिनर होस्ट करेंगे