China Bullet Train: विश्व में कई तरह की ट्रेन हैं लेकिन चीन की बुलेट ट्रेन विश्व विख्यात है. इस ट्रेन की खासियत है कि ये कभी भी 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नीचे नहीं जाती है. यानी यह ट्रेन केवल 200 की स्पीड से ज्यादा पर ही चलती है. इस ट्रेन को अगर भारत में लाया जाए तो दिल्ली से कोलकाता का 1200 किमी का सफर मात्र 4 घंटे में पूरा हो जाएगा. 


अभी भारत में बुलेट ट्रेन पर काम चल रहा है. जल्द ही देश को तेज सफर का अनुभव मिलेगा लेकिन इससे पहले एबीपी न्यूज़ के हाथ कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें लगीं है जो दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन की हैं. चीन के रेलवे स्टेशन भारत से काफी अलग हैं. इन्हें एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है. 


ट्रेन आने पर ही खुलता है प्लेटफॉर्म 


प्लेटफॉर्म पर कोई यात्री इंतजार नहीं कर सकता है. स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार करने की अलग जगह है वहीं सब बैठते हैं. जब ट्रेन आएगी तब ही प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए रास्ता खुलेगा. इसलिए प्लेटफॉर्म हमेशा खाली रहते हैं और ट्रेन के आस-पास भी कोई नहीं दिखता है. 




स्टेशन पर एयरपोर्ट वाली सुविधाएं 


चीन के हर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा जांच होती है. सामान को लगातार स्कैन किया जाता है और पहचान पत्र चेक किए जाते हैं. सुरक्षा जांच के बाद यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर इंतजार करना होता है. यहां भारत के एयरपोर्ट की तरह कई सुविधाएं दी गई हैं. खाने पीने से लेकर खरीददारी तक लगभग सभी कुछ मौजूद होता है. ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए होल्डिंग एरिया बनाया गया है. 


चीन का हांग्जो रेलवे स्टेशन 2013 में बना था लेकिन इसके बाद लगातार बेहतर करने के प्रयास में कोई कमी नहीं रही है. यात्री अपना सामान खोने पर 'लॉस्ट एंड फाउंड' में जाकर इसका पता लगा सकते हैं. यहां बेबी केयर रूम भी है. अगर यात्रियों की ट्रेन आने में समय लगता है तो यहां बच्चों को सुलाने का पूरा इंतजाम है. 




स्टेशन पर नहीं दिखेगी गंदगी


भारत और चीन की आबादी लगभग सामान्य है यानी की एक जैसी है लेकिन चीन के रेलवे स्टेशन की तस्वीर देखकर बहुत सारे सवाल भारत के ऊपर भी खड़े हो जाते हैं. चीन के स्टेशन पर यात्रियों को जरा भी गंदगी नहीं मिलती है क्योंकि यात्री भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. 


ऐसा भी नहीं है कि चीन की सभी ट्रेन इसी स्पीड से चलती हैं. कुछ ट्रेन धीरे भी चलती हैं. हर ट्रेन के नाम के आगे एक शब्द होता है जिससे पता लगाया जाता है कि ट्रेन स्पीड वाली है या नॉर्मल. स्पीड से चलने वाली ट्रेनों को जी-टाइप ट्रेन कहा जाता है. इनके लिए पटरियां भी अलग होती हैं. 




इन ट्रेनों में नहीं होती ज्यादा आवाज


बता दें कि, सबसे तेज चलने वाली दोनों ही ट्रेन चीन में हैं. इन ट्रेनों के प्लेटफॉर्म पर रुकने का समय बहुत कम होता है. इनके चलने पर आवाज भी नहीं होती है क्योंकि इसे बनाने में खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. सीआरएच यानी चीन रेलवे हाई स्पीट को बुलेट ट्रेन कहा जाता है. इनमें न ही किसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और न ही झटकों का. 


हाई स्पीड रेलवे में चीन सबसे आगे 


रफ्तार में चीन का जवाब नहीं है. विश्व की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी हो या फिर विश्व की सबसे तेज, सबसे लंबी चलने वाली बुलेट ट्रेन हो. हाई स्पीड रेलवे में चीन ने अपनी जगह पूरे विश्व में बना ली है. 350 या 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार ही नहीं बल्कि चीन साल 2025 तक 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रेलगाड़ी को लॉन्च करने जा रहा है. 


ये भी पढ़ें:


BJP On TMC: 'आपको शर्म आ रही है कि...', बंगाल में हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर बरसे रविशंकर प्रसाद