नई दिल्लीः आज एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पाक पीएम नवाज़ शरीफ को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया. पाकिस्तानी शीर्ष अदालत की पांच जजों की बेंच ने फैसले में नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार देते हुए पद के अयोग्य ठहरा दिया. सभी 5 जजों ने सर्वसम्मति से नवाज़ शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया. अभी साफ नहीं कि पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. पाक संसद का मौजूदा कार्यकाल अगले साल खत्म होगा और पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव होने हैं.
क्या है पनामा पेपर्स जिसने नवाज़ शरीफ को कुर्सी से गिराया
ये तीसरी बार है जब शरीफ बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. दिलचस्प है कि पाकिस्तान में अब तक कोई भी प्रधानमंत्री पूरे पांच साल तक लगातार पीएम पद पर नहीं बना रहा है. शरीफ के परिवार की लंदन में प्रॉपर्टीज का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ. इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का पैसा लगा हुआ है जिनका मालिकाना हक शरीफ के बच्चों के पास है. इनमें लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट भी शामिल हैं.
2016 अप्रैल में सामने आया पनामा पेपर्स लीक मामला
इंटरनैशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वैस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) नाम के एनजीओ ने पनामा पेपर्स के नाम से कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों, राजनीतिक हस्तियों, फिल्म कलाकारों, खिलाडि़यों और अपराधियों के वित्तीय लेन-देन का खुलासा कर दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया था. पनामा की एक कानूनी फर्म ‘मोसेक फोंसेका’ के सर्वर को 2013 में हैक करने के बाद यह खुलासा हुआ. इसमें पत्रकारों के इस समूह ने 100 मीडिया ग्रुप्स के पत्रकारों को दिखाए गए करीब 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेजों का खुलासा किया.
किसी अज्ञात सूत्र के हवाले से आईसीआईजे ने पनामा पेपर्स लीक के नाम से विदेशों में धन रखने वालों की सूची सार्वजनिक की थी. उपलब्ध कराए दस्तावेजों की गहरी छानबीन में लगभग 140 पॉलिटिकल नेताओं, फिल्म, खेल जगत की हस्तियों के अलावा अरबपतियों की छिपी संपत्ति का खुलासा हुआ. इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बेटे-बेटी के नाम तो हैं ही, करीब 500 भारतीयों के नाम भी हैं. पनामा पेपर्स लीक की जांच में 1977 के 2016 के करीब 40 सालों के दस्तावेज सामने आए. पनामा उत्तरी व दक्षिणी अमरीका को भूमार्ग से जोडऩे वाला देश है.
पनामा पेपर्स फैक्ट्स
पानामा की कंपनी मोसेक फोंसेका द्वारा इकट्ठा किया हुआ 1 करोड़ 15 लाख गुप्त फाइलों का भंडार है. बताया जाता है कि इसमें कुल 2,14,000 कंपनियों से जुड़ी जानकारिया हैं जिसमें उस कंपनी के डायरेक्टर्स की भी जानकारियां हैं. इसमें 5 देशों के नेताओं (अर्जेंटीना, आइसलैंड, सऊदी अरब, यूक्रेन, सयुंक्त अरब अमीरात) के अलावा 40 देशों की सरकार से जुड़े लोगों के बारे में भी काले धन और गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन की सूचनाएं है.
जानिए पाकिस्तान में कब-कब क्या हुआ
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल 2017 ज्वाइंट इंवेस्टीगेशन टीम (जेआईटी) का गठन किया था जिसने 7 हफ्ते लंबी जांच के बाद 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी. रिपोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने का सुझाव दिया गया था. 7 हफ्तों के दौरान जेआईटी ने नवाज शरीफ समेत उनके परिवार के 8 सदस्यों से पूछताछ की थी. शरीफ के जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शरीफ और उनके बच्चों का रहन सहन उनके आय के ज्ञात स्रोत के मुताबिक नहीं है.
पनामा पेपर्स लीक मामले में पाकिस्तान में 20 अप्रैल 2017 को जेआईटी का गठन हुआ और 22 मई 2017 को अपनी 15 दिन की जांच के पहले चरण पर जेआईटी ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट को पहली रिपोर्ट दी. जिसके बाद 28 मई 2017 को नवाज़ शरीफ के बेटे हुसैन नवाज पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए. कुल मिलाकर हुसैन नवाज 6 बार जेआईटी के सामने पेश हुए. 8 से 14 जून 2017 के दौरान जेआईटी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और प्रधानमंत्री के दामाद कैप्टन सफ्दर को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया.
इस मामले में 15 जून को पाक पीएम नवाज शरीफ पहली बार जेआईटी के सामने पेश हुए और उनसे 3 घंटे तक पूछताछ हुई. वहीं 5 जुलाई को नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज की जेआईटी के सामने पेशी हुई. 10 जुलाई को जेआईटी ने अपनी आखिरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय एक्जीक्यूशन बेंच को सौंपते हुए कहा कि उसे नवाज शरीफ परिवार के फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार को साबित करने के लिए पुखता सबूत मिल चुके हैं.
लंदन में शरीफ परिवार द्वारा खरीदे गए फ्लैट्स के लिए पैसे कहां से आए, इसपर नवाज और उनकी टीम ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जेआईटीने अपनी रिपोर्ट में नवाज और उनके परिवार पर धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाना, अपने आय के जरिए को छुपाना और आय से ज्यादा आलीशान जीवन जीने जैसे कई संगीन आरोप लगाए थे. शरीफ परिवार ने लंदन के फ्लैट्स की खरीद के समय सभी जरूरी कागजात नहीं दिखाए.
पाकिस्तान के सबसे ज्यादा अमीर सांसदों में से थे नवाज शरीफ
16 जून को खबर आई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी कुल संपत्ति में कमी के बावजूद अरबपति का अपना दर्जा बरकरार रखकर पाकिस्तान के सबसे ज्यादा अमीर सांसदों में से एक रहे. साल 2016 में नवाज़ ने संपत्ति का ब्यौरा घोषित किया जिसके मुताबिक वह 1.72 अरब रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. उसी समय साफ हुआ था कि पनामा पेपर लीक विवाद के बावजूद शरीफ को अपने पुत्र हुसैन जो सउदी अरब में कारोबार कर रहे हैं उनसे लगातार बड़ी मात्रा में पूंजी मिल रही है. पनामा पेपर लीक मामले ने पाकिस्तान की सत्तारूढ़ परिवार को अदालत में घसीट दिया है.
नवाज़ शरीफ पीएम पद से हटाए गए, पनामागेट में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने हटाया
सबसे अमीर नेताओं में नवाज़ शरीफ, 4 साल में कमाए 1 अरब रुपये
संपत्ति घटने के बावजूद पाकिस्तानी PM नवाज़ शरीफ का अरबपति का दर्जा बरकरार
जिसने नवाज़ शरीफ को गिराया PM की कुर्सी से, जानिए क्या है वो पनामा पेपर्स ?
ABP News Bureau
Updated at:
28 Jul 2017 03:50 PM (IST)
ये तीसरी बार है जब शरीफ बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. सवाल ये है कि आखिर पनामा पेपर्स है क्या जिसने एक देश के पीएम को कुर्सी से गिराने में अहम भूमिका निभाई. यहां पढ़ें पूरी जानकारी
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