चेन्नई की प्रियंका राधाकृष्णन न्यूज़ीलैंड में बनीं पहली भारतीय मूल की मंत्री, जानिए उनके बारे में सब कुछ
41 साल की प्रियंका राधाकृष्णन का जन्म चेन्नई में हुआ. हालांकि उनका परिवार केरल के परावूर का रहने वाला है. स्कूल की शिक्षा के लिए प्रियंका पहले सिंगापुर गईं. बाद में आगे की पढ़ाई के लिए वो न्यूज़ीलैंड चली गईं.
नई दिल्ली: चेन्नई में जन्मी प्रियंका राधाकृष्णन न्यूज़ीलैंड में मंत्री बनने वाली पहली भारतीय मूल की नागरिक बन गई हैं. प्रियंका को जेसिंडा अर्डर्न के मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है. मंत्री पद मिलने पर प्रियंका ने खुशी ज़ाहिर करते हुए सभी का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा, "मुझे मुबारकबाद देने के लिए मैसेज और कॉल करने का वक्त निकालने के लिए सभी का बहुत बहुत शुक्रिया."
चेन्नई में जन्मी और सिंगापुर से की पढ़ाई 41 साल की प्रियंका राधाकृष्णन का जन्म चेन्नई में हुआ. हालांकि उनका परिवार केरल के परावूर का रहने वाला है. स्कूल की शिक्षा के लिए प्रियंका पहले सिंगापुर गईं. बाद में आगे की पढ़ाई के लिए वो न्यूज़ीलैंड चली गईं.
सोशल वर्क से बनाई पहचान प्रियंका राधाकृष्णन उन लोगों के लिए काम करती रहीं, जिनकी आवाज़ कोई नहीं सुनता था. उन्होंने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं और प्रताड़ित प्रवासी मज़दूरों के लिए भी काफी काम किया.
साल 2017 में पहली बार बनीं सांसद प्रियंका राधाकृष्णन सितंबर 2017 में पहली दफा सांसद बनीं. साल 2019 में उन्हें जातीय समुदायों के लिए संसदीय निजी सचिव (पार्लियामेंट्री प्राइवेट सेक्रेट्री टू द मिनिस्टर ऑफ एथनिक कम्युनिटी) के पद पर नियुक्त किया गया.
इसी क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए काम ने वो ज़मीन तैयार कि जिसकी वजह से उन्हें विविधता, समावेश और जातीय समुदायों का मंत्री (मिनिस्टर ऑफ डायर्सिटी, इंक्लूज़न एंड एथनिक कम्युनिटीज़) बनाया गया है. इसके अलावा प्रियंका सामुदायिक और स्वैच्छिक क्षेत्र की मंत्री और सामाजिक विकास एवं रोजगार मंत्रालय की सहायक मंत्री भी होंगी.
आपको बता दें कि प्रियंका राधाकृष्णन साल 2004 से लेबर पार्टी की नेता हैं. वो उन पांच नए चेहरों में शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने अपने मंत्रीमंडल में जगह दी है. प्रियंका अपने पति के साथ ऑकलैंड में रहती हैं.
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