Bangladesh Ruckus: पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बीच कोलकाता के एक युवक ने दावा किया है कि ढाका में अज्ञात लोगों ने उसकी पिटाई की. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बेलघरिया इलाके के रहने वाले 22 बरस के सायन घोष 23 नवंबर 2024 को बांग्लादेश गए थे और एक मित्र के घर ठहरे थे.
घोष ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया, "हालांकि 26 नवंबर की देर शाम जब मैं और मेरा दोस्त टहलने निकले तो चार-पांच युवकों के एक समूह ने हमें घेर लिया. उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी. जब मैंने बताया कि मैं भारत से हूं और हिंदू हूं, तो उन्होंने मुझे लात-घूंसे मारने शुरू कर दिए. यहां तक कि उन्होंने मेरे दोस्त पर भी हमला किया, जो मुझे बचाने की कोशिश कर रहा था."
घोष का मोबाइल और बटुआ छीना, पुलिस से मिली निराशा
उन्होंने यह भी कहा कि उन युवकों ने चाकू की नोंक पर उनका मोबाइल फोन और बटुआ छीन लिया. उन्होंने कहा, "कोई भी राहगीर हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया. आस-पास कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था."
घटना के बाद घोष और उनके दोस्त श्यामपुर पुलिस थाने गए, लेकिन पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया और बार-बार उनसे पूछा कि वे बांग्लादेश क्यों आए थे.
घोष का इलाज करने से किया मना
सायन घोष ने कहा, "जब मैंने उन्हें अपना पासपोर्ट और वीजा दिखाया और अपने दोस्त और उसके परिवार से बात की, तो वे संतुष्ट हुए और मुझसे कहा कि मैं अपने घावों का इलाज कराऊं." इसके बाद उन्होंने बताया कि दो निजी अस्पतालों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया और अंत में उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जाना पड़ा. वहां उन्हें तीन घंटे बाद उपचार मिला, जिसमें उनके माथे और सिर पर कई टांके लगाए गए और मुंह पर भी चोटें आईं.
ये भी पढ़ें:
'अगर बांग्लादेश में नहीं बचे हिंदू तो मुस्लिम भी नहीं बचेंगे', जगद्गुरु परमहंस आचार्य के बिगड़े बोल