Kosovo Serbia Row: पूर्वी यूरोप में अभी यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War) की आंच थमी नहीं है कि टकराव का एक और मोर्चा सुलगने लगा है. सर्बियाई प्रदर्शनकारियों (Serbian Protesters) के विरोध प्रदर्शनों के चलते बर्नेक (Burnneck) और जारिने सीमा क्रॉसिंग (Jarienne Border Crossing) को हिंसक झडपों (Violent Clashes) के बाद बंद कर दिया है. तनाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर हालात नियंत्रित नहीं हुए तो नाटो के KFOR मिशन ने भी दखल देने की तैयारी कर ली है.


कोसोवो पुसिल के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की तरफ से अधिकारियों पर गोली चलाने और सड़कों को बाधित किए जाने के बाद सीमा क्रॉसिंग बंद करने का फैसला लिया गया. प्रदर्शनकारी कोसोवो सरकार की तरफ से लाए जा रहे नए नियमों से नाराज़ हैं, जिसके तहत सर्बियाई आईडी के साथ कोसोवो में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को प्रवास के दौरान एक अस्थायी दस्तावेज़ के साथ बदलने का प्रवाधान किया जा रहा है.


इसी तरह का नियम बेलग्रेड के अधिकारियों द्वारा सर्बिया की यात्रा करने वाले कोसोवो के लोगों के लिए भी है. यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया और प्रदर्शनकारियों से सभी बाधाओं को तुरंत दूर करने का आग्रह किया.


NATO ने जारी की चेतावनी


इस बीच कोरोवो को शहरों में एयर रेड सायरन बजाए जा रहे हैं. साथ ही लोगों को आगाह भी किया जा रहा है. साथ ही नाटो के KFOR मिशन ने भी बयान जारी कर कह दिया है कि अगर सर्बिया की तरफ से कोई कार्रवाई होती है कि तो उसके दस्ते दखल के लिए तैयार होंगे.


हालांकि फिलहाल कोसोवो सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के बीच नए नियमों को लागू करने की तारीख को एक महीने आगे बढ़ाते हुए 1 सितंबर कर दिया है. पहले यह नियम 1 अगस्त से लागू होना थे.यह फैसला यूरोपीय संघ देशों और अमेरिका के राजदूत से मशविरे के बाद लिया गया. प्रदर्शनकारियों का गुस्सा जातीय सर्ब लोगों के लिए सर्बिया की तरफ से जारी की गई वाहनों की पंजीकरण प्लेट को दो महीने के भीतर कोसोवो लाइसेंस प्लेट में बदलने को कहा गया है.


सर्ब विरोध क्यों कर रहे हैं?


कोसोवो के उत्तरी क्षेत्र में रहने वाले कुछ 50,000 जातीय सर्ब पहचान के लिए सर्बियाई अधिकारियों द्वारा जारी लाइसेंस प्लेट और दस्तावेजों का उपयोग करते हैं. साथ ही नियमों और प्रावधानों को लागू करने के कोसोवो के अधिकार को भी मान्यता नहीं देते. यह तनाव की एक फाल्ट लाइन है जिसमें तनाव बढ़ने पर रिश्तों में अक्सर पारा चढ़ जाता है.


सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक का कहना है कि माहौल में उबाल लाया गया है," वूसिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि "सर्बिया जीत जाएगा" अगर सर्बों पर हमला किया जाता है. वहीं कोसोवो के प्रधान मंत्री अल्बिन कुर्ती ने वूसिक पर तनाव की आंच भड़काने का आरोप लगाया है.कुर्ती ने फेसबुक पर लिखा कि अगले कुछ दिन व सप्ताह चुनौती भरे और समस्या वाले हो सकते हैं.


इसलिए बढ़ रहा तनाव


वैसे यह पहला मौका नहीं है जब नए सीमा नियमों को कोसोवो को टालना पड़ा हो. पिछले साल भी इसी तरह विरोध के चलते कुर्ती को नए सीमा नियमों को टालना पड़ा था. दरअसल, सर्बिया कोसोवो की स्वतंत्रता को मान्यता नहीं देता है. वर्ष 1999 में नाटो के हस्तक्षेप के बाद शांति समझौता हुआ था. हालांकि एक बार फिर दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.


सर्विबा-कोसोवो के ताजा तनाव को भी रूस और नाटो के बीच तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. सर्बिया को रूस का पुराना सहयोगी माना जाता है. वहीं कोसोवो नाटो के अधिक करीब है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सर्बिया-कोसोवो के बीच टकराव बढ़ता है तो इसके सहारे रूस को घेरने की कोशिश होगी. 


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