कुलभूषण जाधव मामला: भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल से नहीं मिलाया हाथ
आईसीजे में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की पाकिस्तान में अवैध गिरफ्तारी पर सुनवाई चल रही है. इसी दौरान पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल ने भारतीय अधिकारी दीपक मित्तल से हाथ मिलाने की कोशिश की.
द हेग: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तल्खी चरम पर है. इसका उदाहरण आज द हेग में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) में भी देखने को मिला. भारतीय अधिकारी दीपक मित्तल ने आतंक का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अनवर मंसूर खान से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.
दरअसल, आईसीजे में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की पाकिस्तान में अवैध गिरफ्तारी पर सुनवाई चल रही है. इसी दौरान मोहम्मद अनवर ने दीपक मित्तल से हाथ मिलाने की कोशिश की, लेकिन मित्तल ने हाथ आगे नहीं बढ़ाया और दोनों हाथ जोड़ लिये. दीपक मित्तल भारत के एजेंट और विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिविजन के प्रभारी संयुक्त सचिव हैं.
Indian agent and Jt Secretary @MEAIndia Deepak Mittal was seen avoiding a handshake with Pakistani Attorney General Mohammad Anwar Mansoor Khan before the court hearing commenced @CIJ_ICJ over#KulbhushanJadhav case.@abpnewshindi @abpnewstv pic.twitter.com/5PX4vjlwIE
— Pranay Upadhyaya (@JournoPranay) February 18, 2019
आईसीजे में कुलभूषण जाधव मामले में भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक निर्दोष भारतीय की जिंदगी दांव पर है. पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह से जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं.’’
साल्वे ने कहा कि राजनयिक संपर्क के बिना जाधव को निरंतर हिरासत में रखने को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए कर रहा है. पाकिस्तान को बिना देरी राजनयिक संपर्क की अनुमति देनी चाहिए थी.’’
कहीं 1 करोड़, तो कहीं 10 लाख! जानें शहीदों के सम्मान में किस राज्य ने कितनी सहायता राशि दी
उन्होंने कहा कि भारत ने जाधव को राजनयिक से मिलने देने के लिए पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे हैं लेकिन इस्लामाबाद ने अब तक इसकी अनुमति नहीं दी है. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से जाधव को उस समय गिरफ्तार किया था जब वह कथित रूप से ईरान से घुसा था.
हालांकि, भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां उनके नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद कारोबारी हित थे. जाधव की सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
कुलभूषण केस: हरिश साल्वे ने पाकिस्तान पर आर्टिकल 36 को ना मानने का आरोप लगाया
सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के करीब एक महीने बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. साल्वे ने कहा, ‘‘अप्रैल 2016 में जाधव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और मई 2016 में जाधव से पूछताछ हुई और भारत ने मई, जून और जुलाई में राजनयिक संपर्क के लिए रिमाइंडर भेजे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान को राजनयिक संपर्क की अनुमति के लिए 13 रिमाइंडर भेजे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.’’ साल्वे ने कहा, ‘‘पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आरोपों के खुलासे को लेकर शर्मिंदा है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को उसके अधिकार नहीं बताए.