कुलभूषण जाधव मामला: भारत ने बदजुबानी पर पाकिस्तान को लताड़ा, पुलवामा हमले का भी हुआ जिक्र
कुलभूषण जाधव मामला: भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट से कहा कि कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत की तरफ से दी गई सजा रद्द की जाए और उसकी सुरक्षित भारत वापसी का आदेश दिया जाए.
द हेग: द हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट में आज लगातार तीसरे दिन कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई हुई. भारत ने आज सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के वकील की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और संयुक्त राष्ट्र की अदालत से लक्ष्मण रेखा खींचने की गुजारिश की.
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए कहा, ‘‘ जिस तरह की भाषा इस अदालत में गूंजी है... यह अदालत कुछ लक्ष्मण रेखाओं का निर्धारण कर सकती है. उनके भाषण की भाषा में बेशर्म, बकवास, लज्जाजनक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है... भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस तरह से संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत पाकिस्तानी वकील की अभद्र भाषा पर कड़ा ऐतराज जताता है.’’ ध्यान रहे कि सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी ने कुलभूषण जाधव के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.
सुनवाई के दौरान भारत ने क्या कुछ कहा-
हरीश साल्वे ने आईसीजे में कहा, ''जाधव पाकिस्तान के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय समीक्षा से ध्यान बंटाने के लिए एक मोहरा बन गया है. जाधव को जबरिया कुबूलनामे के आधार पर जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई थी.'' उन्होंने कहा, ''आईसीजे में कार्यवाही को पटरी से उतारने के पाकिस्तान के तीनों प्रयास नाकाम रहे हैं.''
जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.
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कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने 14 फरवरी के पुलवामा हमले और 13 फरवरी को ईरान के हमलों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और लश्कर ए तोएबा, जैश ए मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में मौजूद हैं. यूएन की प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों में से 20 पाकिस्तान से हैं.
साल्वे ने कहा, ''कुलभूषण जाधव को मोहरा बनाया जा रहा है. एक ऐसे मुल्क द्वारा जो खुद आतंकवाद को एक नीति की तरह इस्तेमाल करता है. आतंकवादियों को अपने यहां पनाह देता है.''
ICJ में भारत के एजेंट के तौर पर मौजूद विदेश मंत्रालय के अधिकारी दीपक मित्तल ने भारत की तरफ़ से सुनवाई पूरी होने से पहले आखिरी अपील रखी:-
1. कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत की तरफ से दी गई सजा रद्द की जाए और उसकी सुरक्षित भारत वापसी का आदेश दिया जाए. यदि अदालत ऐसा आदेश देने में सक्षम न हो तो..
2. पाकिस्तान को आदेश दिया जाए जिसमें कुलभूषण जाधव का सामान्य कोर्ट में ट्रायल किया जाए और सैन्य कस्टडी में दिए उसके बयान को शामिल न किया जाए.
3. कुलभूषण जाधव को अपने बचाव में वकील करने की सुविधा दी जाए और इस दौरान भारत को पूरा काउंसलर संपर्क की इजाजत दी जाए.
पाकिस्तान को झटका भारत पाकिस्तान में अपने पूर्व उप उच्चायुक्त जेपी सिंह के क्रॉस एग्ज़ामिनेश की मांग को खारिज कर चुका है. पाकिस्तान बार बार इसका उल्लेख कर रहा है. पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का एक वीडियो चलाने की इजाजत मांगी थी. मगर अदालत ने इसकी इजाजत नहीं दी.
पाकिस्तान अभी तक कुलभूषण जाधव की आतंकी घटनाओं में भूमिका को साबित करने वाला कोई सबूत नहीं दे पाया है. उसके सारे दावे महज़ पासपोर्ट बरामदगी के इर्दगिर्द हैं. वो भी दावे हैं क्योंकि इसकी जांच के लिए कांसुलर संपर्क की इजाज़त नहीं दी गई.