Deportation in Kuwait : दुनिया में इस वक्त अपने देश से भारी संख्या में अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला देश संयुक्त राज्य अमेरिका है, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश जारी करने के बाद भारी संख्या में अप्रवासी नागरिकों को उनके मूल देशों में डिपोर्ट किया गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के एक ऐसा मुस्लिम देश है जहां से हर महीने करीब 3 हजार अप्रवासी नागरिकों को डिपोर्ट किया जाता है.
अल अन्बा की रिपोर्ट के अनुसार ताजा आंकड़ों के मुताबिक कुवैत से हर महीने करीब 3,000 अप्रवासियों को कानूनी आधार पर डिपोर्ट किया जाता है. कुवैत के एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से अल अन्बा अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “कुवैत में आपराधिक मामलों में संलिप्त अप्रवासियों के खिलाफ डिपोर्टेशन की कार्रवाई कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक आदेश जारी होने के बाद की जाती है.
आंतरिक मंत्रालय जरूरत पड़ने पर करता है वित्तीय मदद
सूत्र ने आगे बताया कि अगर डिपोर्ट होने वाले शख्स के पास अपने मूल देश की वापसी यात्रा के लिए अगर टिकट के पैसे नहीं होते हैं, तो ऐसे मामलों में कुवैत का आतंरिक मंत्रालय संबंधित व्यक्ति के लिए टिकट अपने खर्च पर मुहैया कराता है. हालांकि, इस टिकट के खर्च की वापसी के लिए मंत्रालय संबंधित व्यक्ति या कंपनी से टिकट की कीमत वसूलने के लिए दावा करता है. वहीं जब तक टिकट के कीमत का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक विदेशों में कामगारों की भर्ती करने वालों की ओर से स्पॉन्सर को ब्लॉक कर दिया जाता है.
3 दिनों में अप्रवासियों को किया जाता है डिपोर्ट
सुरक्षा सूत्र ने आगे बताया कि कुवैत के आतंरिक मंत्रालय के डिपोर्टेशन विभाग की ओर से अप्रवासियों को जल्द से जल्द डिपोर्ट करने के लिए तेजी से काम किया जाता है. इस दौरान यदि किसी अप्रवासी के पास पासपोर्ट या इमरजेंसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट होता है तो उसे औसतन 3 दिन तक हिरासत में रहना पड़ता है.
हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिनमें कुछ दूतावासों की उनके मूल देश के ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स को तैयार करने की प्रक्रिया काफी धीमी होती है या फिर ट्रैवल बैन लगा होता है या अप्रवासी के खिलाफ कोर्ट की किसी कार्रवाई में सम्मिलित होने की दशा में कोर्ट के आदेश आने तक इस प्रक्रिया को पूरी करने में लंबा समय लगता है.