Chinese People Protest against Xi Jinping: चीन (China) के राष्ट्रपती शी जिनपिंग (Xi Jinping) तीसरी बार शीर्ष पद पर बरकरार रहने की तैयारी में है लेकिन इस बीच एक बड़ी आबादी (Chinese People) में उनके प्रति असंतोष देखा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में शी जिनपिंग का विरोध (Protest Against Xi Jinping) करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए और राजधानी बीजिंग (Beijing) में करीब 14 लोगों को जेल में ठूंस दिया गया.
जेल में डाले गए लाखों लोगों को अपराधी करार दिया गया है लेकिन जानकारों का कहना है कि जिनपिंग का विरोध करने के चलते उन्हें कैद किया गया. जिनपिंग पर आरोप है कि वह अपने खिलाफ लोगों की आवाज दबाने के लिए कोरोना लॉकडाउन के प्रतिबंधों को जबरन लागू करने का सहारा ले रहे हैं.
जिनपिंग के खिलाफ सोशल मीडिया और पोस्टरों के जरिये विरोध प्रदर्शन
चीनी सोशल मीडिया पर जिनपिंग के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने वाली तस्वीरों को सेंसर किया जा रहा है. राष्ट्रपति जिनपिंग के खिलाफ तानाशाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पोस्टर बनाए जा रहे हैं और लोगों से हड़ताल करने की अपील की जा रही है. पोस्टरों में कोरोना टेस्ट का विरोध करने का भी आह्वान किया गया. दरअसल, चीनी जनता का आरोप है कि कोरोना टेस्ट के नाम पर उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है. राजधानी बीजिंग के एक व्यस्त चौराहे पर कम्युनिस्ट नेतृत्व की आलोचना करने वाले बैनरों की रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार (13 अक्टूबर) को चीन के इंटरनेट सेंसर ने सोशल मीडिया पोस्ट को खंगालना शुरू कर दिया.
पोस्टरों में जिनपिंग को उखाड़ फेंकने की मांग
पोस्टरों के जरिये जीरो कोविड नीति को खत्म करने की मांग की गई और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया गया. हालांकि, चीन में राजनीतिक विरोध दुर्लभ है लेकिन पुलिस इस हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के लिए हाई अलर्ट पर है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, जुटाई गई कुछ तस्वीरों से पता चला है बाद में सड़क पर कोई बैनर लटका नहीं मिला लेकिन सड़क के एक हिस्से पर एक गोलाकार काला निशान दिखाई दिया. आशंका है कि वहां आग लगाई गई होगी.
शंघाई में ढाई करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह को दबाने के लिए कई शहरों में फिर से कोरोना लॉकडाउन लगा दिया है. कई शहरों में यात्रा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. उत्तर चीन के शांक्सी प्रांत के फेनयांग शहर में लॉकडाउन लग गया है. मंगोलिया की राजधानी होहोट में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शंघाई के करीब ढाई करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है और चीन के कई शहरों में स्कूल और पर्यटन स्थल भी बंद किए गए हैं.
जिनपिंग को किस बात का डर?
एक तरफ पूरी दुनिया में जब कोरोना के मामले घट रहे हैं तब चीन में केस बढ़ रहे हैं. इसीलिए शी जिनपिंग के इरादे पर शक किया जा रहा है. माना जा रहा है कि जिनपिंग को इस बात का संदेह है कि जब उनके तीसरे कार्यकाल की दावेदारी पर मुहर लगने जा रही है तब उनके खिलाफ बगावत हो सकती है. इसलिए विद्रोह को दबाने के लिए जिनपिंग लोगों पर जबरन लॉकडाउन थोप रहे हैं. बता दें कि चीन के राष्ट्रपति का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. 16 अक्टूबर को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस (बैठक) होनी है जिसमें अगले राष्ट्रपति के नाम पर मुहर लगेगी.
ये भी पढ़ें
अमेरिका में एक बार फिर दिखा गन कल्चर का कहर, अंधाधुंध फायरिंग में पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत