'मेरे प्रिय ख़ाशोज्जी, आपकी सुंदर हंसी मेरे आत्मा में हमेशा बसी रहेगी'
सऊदी अरब ने ये बात मान ली है कि जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या इस्तांबुल में उनके वाणिज्य दूतावास में की गई थी. इसके बाद उनकी मंगेतर ने उनके लिए अंतिम संदेश लिखा है. उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "वो मेरी दुनिया से आपके शरीर को ले गए हैं. लेकिन, आपकी सुंदर हंसी मेरे आत्मा में हमेशा बसी रहेगी. मेरे प्रिय ख़ाशोज्जी."
अंकारा: सऊदी अरब के अधिकारियों ने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या की बात स्वीकार ली है. उन्होंने माना है कि ये हत्या इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में की गई थी. इसके बाद पत्रकार की मंगेतर ने उनके लिए अंतिम संदेश जारी किया है. उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "वे मेरी दुनिया से आपके शरीर को ले गए हैं. लेकिन, आपकी सुंदर हंसी मेरे आत्मा में हमेशा बसी रहेगी. मेरे प्रिय ख़ाशोज्जी."
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है जिसमें ख़ाशोज्जी एक टीवी डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू दे रहे हैं. इंटरव्यू के दौरान एक बिल्ली इसमें रुकावट डाल रही है, वो उनकी गोद में उछल रही है जिसके कारण वह खुल कर हंस रहे हैं. ख़ाशोज्जी मुस्कराते हुए पत्रकार से कहते हैं, "आपको इसे फिल्म में बनाए रखना चाहिए."
They took your bodily presence from my world. But your beautiful laugh will remain in my soul forever. My darling #jkhashoggi #JamalKhashoggi#JusticeForJamal pic.twitter.com/vJOfhL6dEq
— Hatice Cengiz / خديجة (@mercan_resifi) October 20, 2018
ख़ाशोज्जी के सऊदी वाणिज्य दूतावास में घुसने के दौरान उसकी इमारत के बाहर उनका इंतजार कर रहीं उनकी मंगेतर सेंगिज को पहले उनकी मौत का विश्वास नहीं हुआ था. ख़ाशोज्जी दो अक्टूबर को कुछ दस्तावेज लेने दूतावास गए थे. उन्हें सेंगिज से शादी के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत थी. ख़ाशोज्जी ने सेंगिज से कहा था कि अगर वो बाहर न आएं तो वो उनके दोस्त और तुर्की अरब मीडिया संघ के अध्यक्ष तुरन किस्लक्सी को फोन कर इस बात की जानकारी दे दें.
सेंगिज ने उनके लापता होने के अगले दिन दूतावास के बाहर सीएनएन से कहा था, "मुझे नहीं पता कि जमाल अंदर हैं कि नहीं. मैं जानना चाहती हूं कि जमाल कहां हैं. क्या उन्होंने उन्हें हिरासत में ले लिया है? क्या उन्होंने उनका अपहरण कर लिया है? क्या उन्हें जेल में डाल दिया गया है?" उस समय उन्होंने मीडिया से उनका नाम नहीं छापने का आग्रह किया था. ख़ाशोज्जी सऊदी अरब राजशाही और शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के सख्त आलोचक थे. वह जून 2017 से सऊदी अरब से बाहर आत्म निर्वासन में रह रहे थे.
ये भी देखें
अमृतसर हादसे पर सिद्धू बोले- गेस्ट कभी कार्यक्रम के परमिशन की जांच नहीं करता