ऐसा लगता है कि जिस फिलिस्तीन वाले हमास की वजह से इजरायल को अपने इतिहास का सबसे घातक हमला झेलना पड़ा और जिसकी वजह से इजरायल को पूरी दुनिया सवालिया निगाहों से देखने लगी, उस हमास को छोड़कर अब इजरायल पहले हिजबुल्लाह के ही खात्मे पर अड़ गया है. तभी तो इजरायल ने लेबनान की सुरक्षा में सेंध लगाकर हिजबुल्लाह के पेजर में ब्लास्ट किया. फिर उनके वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट किया. फिर रेडियो. उसके बाद लैपटॉप. उसके बाद सोलर सिस्टम. हर जगह ब्लास्ट किए. कुछ भी नहीं छोड़ा. पूरी तरह से तबाही मचा दी. और ये तबाही अभी खत्म नहीं हुई है. लेकिन सवाल है कि क्यों.


इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन तो हमास है. तो इजरायल अपनी इतनी ताकत, अपनी इतनी तैयारी, हमास को छोड़कर हिजबुल्लाह के खिलाफ क्यों लगा रहा है. 7 अक्तूबर 2023 को जब फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर एक साथ 8 हजार से भी ज्यादा रॉकेट दागे, तो वो इजरायल के इतिहास के सबसे बड़े हमलों में से एक था. इस हमले के तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया कि वो हमास का खात्मा कर देंगे. और इसके बाद फिलिस्तीन की गाजा पट्टी और इजरायल के बीच जंग छिड़ गई. ये जंग अब भी चल रही है और इसमें अब तक कम से कम 50 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इस जंग के दौरान इजरायल ने हमास के खात्मे की हर कोशिश की है.


हमास के चीफ का खात्मा
हमास के चीफ रहे इस्माइल हनियाह को इजरायल ने ईरान में घुसकर मारा है. हमास के मिलिट्री चीफ रहे मोहम्मद दाईफ को भी इजरायल मार ही चुका है. इससे पहले इजरायल हमास के और भी दो टॉप कमांडरों अयमान शोवाडेह  और बिलाल अल कादरा को मार चुका है. लेकिन इजरायल जितने हमास लड़ाकों को मारता जा रहा है, जितने टॉप कमांडरों को मारता जा रहा है, उतने ही नए लड़ाके, उतने ही नए कमांडर बनते जा रहे हैं और वो हर रोज इजरायल पर हमले के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. तो अब इजरायल और उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी ये बात लगभग मान चुके हैं कि ये जंग ऐसे ही जारी रहेगी.


हिजुबल्लाह को खत्म करेगा इजरायल?
इजरायल शायद अब अपने दूसरे खतने यानी कि लेबनान वाले हिजबुल्लाह को नेस्तनाबूद करने की कसम खा चुका है. तभी तो लंबी तैयारी के बाद इजरायल ने हिजबुल्लाह लड़ाकों के इस्तेमाल में आने वाले पेजर में बम विस्फोट करवाया, फिर वॉकी-टॉकी में धमाका कर दिया. फिर रेडियो सेट से लेकर लैपटॉप और सोलर सिस्टम को भी बम से तबाह कर दिया. ऐसे में इस बात को समझना जरूरी हो जाता है कि क्या वाकई लेबनान का हिजबुल्लाह इजरायल का इतना बड़ा दुश्मन है कि उसके लिए इजरायल को इतनी बड़ी तैयारी करनी पड़े. इसका जवाब मिलता है इतिहास में.


हिजबुल्लाह से दुश्मनी की क्या है हिस्ट्री?
इसका इतिहास भी उतना ही पुराना है, जितना इजरायल और फिलिस्तीन के झगड़े का इतिहास. 1948 में जब इजरायल और फिलिस्तीन का बंटवारा हुआ तो बहुत से फिलिस्तीनियों को भागकर लेबनान में भी शरण लेनी पड़ी. इनके मन में अपना देश छोड़ने का गुस्सा था और इसकी वजह वो हमेशा से इजरायल को ही मानते थे. तो इजरायल के खिलाफ उनका गुस्सा सुलगता रहा, लेकिन वो कभी इस हालात में नहीं आ पाए कि इजरायल से लड़ सकें. इस बीच 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई और अयातुल्लाह खमेनेई के नेतृत्व में ईरान में सत्ता परिवर्तन हो गया. और इसके बाद ईरान ने फिलिस्तीन से भागकर लेबनान पहुंचे शरणार्थियों को मदद करनी शुरू कर दी. 1982 में ईरान की सेना के करीब 1500 लड़ाकों के साथ मिलकर लेबनान के इन शरणार्थियों ने एक फौज बनाई और इसे नाम दिया हिजबुल्लाह. ये वही हिजबुल्लाह है, जिसने हमास को सुसाइड बॉम्बिंग की ट्रेनिंग दी, जिसे उसने ईरान से सीखा था.


ईरान दे रहा हिजबुल्लाह को सपोर्ट?
जाहिर है कि यही वजह है कि जब हमास ने इजरायल पर हमला किया तो मौके का फायदा उठाकर हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर हमला कर दिया. अब इजरायल हमास से तो लड़ ही रहा है, लेकिन उससे पहले अब वो हिजबुल्लाह से लड़ रहा है ताकि हिजबुल्लाह का खात्मा करके वो ईरान की तरफ से भी थोड़ा निश्चिंत हो सके. क्योंकि हिजबुल्लाह को असली खाद-पानी तो ईरान से ही मिलता है.


हिजबुल्लाह के लिए लगा दी एडवांस फोर्स यूनिट 8200
अगर हिजबुल्लाह खत्म हुआ तो ईरान हिजबुल्लाह के जरिए इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर लड़ ही नहीं पाएगा. लिहाजा इजरायल ने अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद ही नहीं बल्कि उससे भी एडवांस फोर्स यूनिट 8200 को हिजबुल्लाह के खिलाफ लगाया. ये वही यूनिट है, जिसने ईरान के परमाणु संयंत्रों में धमाका कर ईरान को इतना पीछे धकेल दिया कि वो आज तक परमाणु संपन्न देश नहीं बन पाया. तो इस यूनिट ने एक साल तक हिजबुल्लाह को फॉलो किया और फिर एक दिन के अंदर-अंदर उन सारे कम्युनिकेशन डिवाइसेज को बम से उड़ा दिया, जिनका इस्तेमाल हिजबुल्लाह करता था.  

ऐसे में भले ही हिजबुल्लाह कहे कि वो इस हमले का बदला लेगा और इजरायल पर हमले करेगा लेकिन इतना तो तय है कि इजरायल के इस ऑपरेशन की वजह से हिजबुल्लाह को बड़ा झटका लगा है और इससे उबरने में अभी हिजबुल्लाह को वक्त लगेगा.


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