Lebanon Hezbollah: मध्य पूर्व का पेरिस कहा जाने वाला लेबनान आज हिजबुल्लाह की वजह से जाना जाता है. लेबनान में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तो होते हैं, लेकिन इनको कागजी शेर से अधिक कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि असली ताकत तो हिजबुल्लाह के पास है. कहने के लिए लेबनान लोकतांत्रिक देश है, यहां पर प्रमुख राजनीतिक और सैन्य पद विशिष्ट धार्मिक प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित हैं. 


लेबनान में राष्ट्रपति का पद मैरोनाइट कैथोलिक, प्रधानमंत्री एक सुन्नी मुस्लिम और संसद का अध्यक्ष पद एक शिया मुस्लिम के लिए आरक्षित है. लेबनान में संसद के उपाध्यक्ष और उप प्रधान मंत्री का पद ग्रीक ऑर्थोडॉक्स ईसाई के लिए है. लेबनानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ का पद ड्रूज के लिए आरक्षित है. लेबनान में पदों का बंटवारा 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी' के आधार पर है. यह नारा तात्कालिक तौर पर लेबनान के सभी समुदायों को संतुष्ट कर देता है, लेकिन इसका दीर्घ कालिक प्रभाव पड़ रहा है. 


पेजर विस्फोट के बाद चर्चा में आया लेबनान
मौजूदा समय में लेबनान के भीतर ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह वास्तविक शासक के रूप में उभरा है. यह संगठन आधिकारिक सरकार की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी है. मंगलवार को हिजबुल्लाह सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हजारों पेजर में एक साथ विस्फोट हो गया, जिसमें करीब 11 लोगों की मौत हो गई और 3 हजार से अधिक लोग घायल हो गए. हिजबुल्लाह ने इस धमाके के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं इजरायल की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई. 


हिजबुल्ला के फैसले को काटना नामुमकिन
लेबनान में कहने को चुनाव होते हैं और प्रतिनिधि भी चुने जाते हैं, लेकिन असली ताकत निर्वाचित सदस्यों के पास न होकर हिजबुल्लाह और उसके सहयोगियों के पास होती है. हिजबुल्लाह एक शिया चरमपंथी संगठन है जो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के प्रति निष्ठा जताता है. लेबनान में हिजबुल्लाह कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के ऊपर अपनी शक्ति रखता है. हिजबुल्लाह के फैसले को काटने की ताकत लेबनान के भीतर किसी के पास नहीं है. 


हिजबुल्लाह के सामने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति नतमस्तक
हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्लाह किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं है, लेकिन लेबनान का वास्तविक शासक वही है. नसरल्लाह देश के सरकारी टेलिविजन पर भाषण देता है. नसरल्लाह ही देश की नीतियों को तय करता है और उसपर चलने के लिए कायदे कानून तय करता है. लेबनान के आम लोग तो छोड़ियो प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी नसरल्लाह के मुताबिक अपनी नीतियों को बनाते हैं.  


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