Lebanon Pager Blast: इजरायल की खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद की कहानियां एक बार फिर सुर्खियों में है. मोसाद इतनी खतरनाक एजेंसी है कि उसके ऑपरेशन को भांप पाना मुश्किल है. इसके ऑपरेशन का पता तभी लगता है, जब यह सफल हो जाता है. लेबनान में किसी को नहीं पता था कि पेजर ब्लास्ट के जरिए पूरे देश को एक साथ निशाना बनाया जा सकता है. अब चर्चा हो रही है कि मोसाद ने वहीं घुसपैठ की कर ली थी, जहां पर पेजर का निर्माण किया गया.
लेबनान में बीप की लंबी आवाज के साथ मंगलवार को अचानक पेजर में धमाके होने लगे. जबतक पेजर में धमाके बंद होते तबतक 3 हजार से अधिक पेजर फट चुके थे. ताजा अपडेट के मुताबिक, पेजर धमाकों में 11 लोगों की मौत हो गई साथ ही करीब 4 हजार लोग घायल हो गए. जो जहां था वहीं घायल हो गया, पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई. इन धमाकों ने न सिर्फ लेबनान को दहलाया बल्कि पूरी दुनिया में अजीब शांति छा गई.
पेजर धमाकों पर दुनिया की मीडिया ने क्या कहा?
पेजर में हुए इन धमाकों के बाद लेबनान ने एक बार फिर दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद को जिम्मेदार ठहराया है. न्यूयॉर्क टाइम्स, अल जजीरा और रॉयटर्स जैसी दुनिया की बड़ी न्यूज एजेंसियों का दावा है कि ताइवान से लेबनान पहुंचने से पहले ही पेजर में छेड़छाड़ कर दी गई थी. रॉयटर्स ने लेबनान की सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से कहा है कि प्रोडक्शन लेवल पर ही पेजर को मोडिफाई कर दिया गया था.
मोसाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कर चुका है फेल
दरअसल, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पूरी दुनिया में अपने गुप्त ऑपरेशन, थ्रिलर और सस्पेंश के लिए जानी जाती है. लेबनान में हुए पेजर धमाकों के बाद एक बार फिर मोसाद की कहानियों की चर्चा होने लगी है. माना जाता है कि मोसाद की वजह से ही अभी तक ईरान परमाणु संपन्न देश नहीं बन पाया है. कहा जाता है कि जिसपर मोसाद ने अपनी नजर गड़ाई वह सब नेस्तनाबूत हो गया.
मोसाद के ऑपरेशन में जहर का इंजेक्शन भी
मोसाद अपने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हर वह तरीका अपनाता है, जिससे वह सफल हो सके. इन ऑपरेशन में वह सुंदर महिलाओं का भी इस्तेमाल करता है, साथ ही अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए जहर का इंजेक्शन और ड्रोन हमले तो आम हैं. मोसाद अपने देश में बैठे-बैठे इस तरह के वायरस बनाता है, जो दुनियाभर के किसी भी कंप्यूटर को हैक करके बड़े-बड़े ऑपरेशन को अंजाम देता है.
मोसाद AI तकनीक से दुश्मनों का करता है खात्मा
साल 2010 में मोसाद ने Operation Stuxnet चलाया था, इसी के बलबूते इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को विफल कर दिया था. यह एक ऐसा वायरस था, जिसने ईरान में यूरेनियम गैस को एनरिच करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सेंट्रीफ्यूज को लगातार फेल कर रहा था. मोसाद अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए विदेशी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की हत्या भी करता है, इसके लिए वह एआई तकनीक का भी इस्तेमाल करता है.
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