Hezbollah Pager Blast: हिजबुल्लाह के लड़ाकों और सदस्यों पर हुए पेजर हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. इस पेजर ब्लास्ट के तार अब ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से भी जोड़े जा रहे हैं क्योंकि हिजबुल्लाह ने ही ताइवान की कंपनी को पेजर का ऑर्डर दिया था. यह जानकारी सामने आने के बाद ही ताइवान पुलिस गोल्ड अपोलो कंपनी के ऑफिस पहुंच गई.
मीडिया को जानकारी देते हुए कंपनी के फाउंडर ह्सू चिंग-कुआंग ने कहा कि कंपनी ने वो पेजर नहीं बनाए थे, जिनका इस्तेमाल मंगलवार को लेबनान में हुए विस्फोटों में हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि इन पेजर को यूरोप की एक कंपनी बनाया था, जिसके पास कंपनी का ब्रांड नेम इस्तेमाल करने का हक है.
BAC कंसल्टिंग केएफटी को दिया गया था सबकॉन्ट्रैक्ट
गोल्ड अपोलो ने अपने बयान में कहा कि कंपनी ने इस मॉडल के पेजर्स बनाने का सबकॉन्ट्रैक्ट यूरोप की कंपनी BAC कंसल्टिंग केएफटी को दिया था. इसके कंपोनेंट थर्ड पार्टी से कराये गये हैं. कंपनी के मालिक ह्सू चिंग-कुआंग ने कहा कि हिजबुल्लाह ही नहीं हम भी इस हमले का शिकार हुए हैं. हम एक जिम्मेदार कंपनी है और यह हमारे लिए शर्मनाक है.
उन्होंने कहा कि AR-924 पेजर का निर्माण BAC कंसल्टिंग KFT ने किया था, जो बुडापेस्ट में मौजूद है. बता दें कि इजराइल की नजर से बचने के लिए हिजबुल्लाह लड़ाकों ने पेजर का इस्तेमाल करना शुरू किया था, लेकिन इजराइल ने इसी तकनीक का प्रयोग उनके खिलाफ किया.
जानें कैसे लगा ताइवान की कंपनी पर आरोप
न्यूज एजेंसी रायटर्स ने विस्फोट में फटे पेजर की तस्वीरों का विश्लेषण किया था. इन फोटोज में गोल्ड अपोलो कंपनी के स्टिकर दिखाई दिए थे. इसके अलावा लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर्स का ऑर्डर दिया था.
बता दें कि मंगलवार को लेबनान और सीरिया में पेजर फटने लगे थे. जिस वजह से 3 हजार हिजबुल्लाह फाइटर और आम नागरिक घायल हो गए थे. इस विस्फोट में 11 लोगों के मरने की खबर है.