लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने बताई 1+1 थ्योरी, बोले- एक मोदी है और एक...
युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं यहां एक उद्देश्य के लिए हूं, एक उच्च शक्ति द्वारा भेजा गया हूं और मैं अकेला नहीं हूं ये अटूट विश्वास हमेशा हमारे भीतर रहना चाहिए'.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में जीवन को देखने का अपना तरीका बताया. पीएम मोदी ने बताया कि जीवन में परेशानियों का आना सहनशक्ति की परीक्षा है.
पीएम मोदी ने कहा, 'जीवन का उद्देश्य खोजने से पहले हर व्यक्ति को ये विश्वास होना चाहिए कि उसे किसी उच्च शक्ति द्वारा किसी उद्देश्य के साथ भेजा गया है. उन्होंने अपने जीवन को लेकर कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं हर परेशानी को एक अवसर की तरह देखता हूं. उन्होंने कहा, 'मैं आज की युवा पीढ़ी से कहना चाहूंगा कि वो धैर्य रखें. जीवन में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है'.
पीएम मोदी की युवाओं को सलाह
पॉडकास्ट में लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम मोदी से पूछा कि आज के जो युवा जिंदगी का मकसद ढूंढने में भटक गए हैं, जिन्हें सफलता नहीं मिल रही है, उन्हें आप क्या बताना चाहेंगे. इस पर पीएम मोदी ने कहा, 'चुनौतियां वास्तविक हो सकती हैं लेकिन किसी भी परिस्थिति के हिसाब से परिभाषित नहीं होती'.
युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं यहां एक उद्देश्य के लिए हूं, एक उच्च शक्ति द्वारा भेजा गया हूं और मैं अकेला नहीं हूं जिसने भी मुझे भेजा है वह हमेशा मेरे साथ है. यह अटूट विश्वास हमेशा हमारे भीतर रहना चाहिए'.
'मैं कभी अकेला महसूस नहीं करता'
पीएम मोदी ने लाइफ के बारे में अपने विचार बताते हुए कहा, 'मैं कभी अकेला महसूस नहीं करता. मैं 1+1 सिद्धांत में विश्वास करता हूं (एक मोदी है और दूसरा ईश्वर) है'. उन्होंने आगे कहा, 'मैं कभी भी वास्तव में अकेला नहीं हूं क्योंकि भगवान हमेशा मेरे साथ हैं. मुझे ईश्वर और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है'.
पीएम मोदी ने कहा, 'कठिनाइयां सहनशक्ति की परीक्षा हैं वे मुझे हराने के लिए नहीं हैं. कठिनाइयां मुझे मजबूत बनाने के लिए हैं. सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए. मेरा मानना है कि जब तक मैं जीवित हूं, मेरे पास एक उद्देश्य होना चाहिए. शायद मैं सीखने, आगे बढ़ने के लिए ही जीवित हूं'.
'लक्ष्य पूरा न होने पर निराश नहीं होना चाहिए'
उन्होंने कहा, 'किसी को कुछ बनने के बजाय कुछ करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जब हम बड़े लक्ष्य निर्धारित करते हैं और वे पूरे नहीं होते तो हम निराश हो जाते हैं. अगर आप कुछ करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और मान लें कि आपका लक्ष्य दस तक पहुंचना है लेकिन आप आठ तक पहुंच जाते हैं तो आप निराश नहीं होंगे. आप दृढ़ संकल्प के साथ दस की ओर काम करेंगे'.
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