(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लाखों साल पहले पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में हुई बारिश का रहस्य: चूना पत्थर और लोहे ने खोले नए आयाम
Amazing Sculptures of Nature: शोध यह संकेत देता है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में हुई अत्यधिक बारिश ने न केवल कार्स्ट भू-आकृतियों का निर्माण किया, बल्कि उस समय के पर्यावरण और जलवायु में नाटकीय बदलाव लाए.
Karst Landscape: धरती का लगभग एक-छठा हिस्सा कार्स्ट नाम की भू-आकृतियों से ढका हुआ है, जो पानी से हजारों सालों में बनाई गई प्राकृतिक मूर्तियों जैसे दिखते हैं. कार्स्ट लैंडस्केप्स न केवल सौंदर्यपूर्ण होते हैं, बल्कि ये पृथ्वी के पिछले तापमान और नमी के स्तर का रिकॉर्ड भी रखते हैं. हालांकि, इन लैंडस्केप्स की सटीक उम्र का पता लगाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है.
कार्स्ट भू-आकृतियां पानी से पत्थरों को घुलाने की प्रक्रिया से बनती हैं, जिससे चूना पत्थर की मीनारें और गुफाएं रह जाती हैं. इनका निर्माण अक्सर गीले समयों के दौरान होता है लेकिन इसका सही समय कैसे जानें? परंपरागत रूप से, वैज्ञानिक चूना पत्थर की परतों के ऊपर और नीचे के पदार्थों की डेटिंग कर इसके निर्माण का अनुमान लगाते थे लेकिन यह तरीका काफी धुंधला और अस्पष्ट था.
यूरेनियम-थोरियम-हीलियम विधि से नये सुराग
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नए शोध में चूना पत्थर के साथ बने लोहे के नोड्यूल्स की उम्र का मापन करने की विधि विकसित की गई है. इस तकनीक को (U/Th)-He डेटिंग कहते हैं, जिसमें लोहे के नोड्यूल्स में मौजूद यूरेनियम और थोरियम के रेडियोधर्मी क्षय से बने हीलियम की मात्रा मापी जाती है. इस विधि से नोड्यूल्स की सटीक उम्र का पता लगाने में सफलता मिली है.
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध पिनाकल्स डेजर्ट में चूना पत्थर की संरचनाओं से लोहे के नोड्यूल्स के छोटे टुकड़ों का अध्ययन किया गया. इन नोड्यूल्स के अध्ययन से पता चला कि इनकी उम्र लगभग 1,00,000 साल है. यह समय वह था जब इस क्षेत्र में भारी वर्षा हुई थी और चूना पत्थर का तेजी से विघटन हुआ था.
जलवायु परिवर्तन और इंसानों पर प्रभाव
ये शोध यह संकेत देता है कि उस समय पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में हुई अत्यधिक बारिश ने न केवल कार्स्ट भू-आकृतियों का निर्माण किया, बल्कि उस समय के पर्यावरण और जलवायु में भी नाटकीय बदलाव लाए. यह खोज प्राचीन मानव जीवन और उनकी परिस्थितियों को समझने में महत्वपूर्ण हो सकती है. जलवायु परिवर्तन ने हमारे पूर्वजों के जीवन को कैसे प्रभावित किया, यह जानने में मदद मिलेगी.
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार
अतीत की जलवायु विविधताओं और उनके प्रभावों के बारे में जितना अधिक हम जानेंगे, उतना ही बेहतर हम भविष्य के पर्यावरणीय बदलावों का सामना कर सकेंगे. कार्स्ट भू-आकृतियों की सटीक डेटिंग से हमें आज के पारिस्थितिक तंत्र और जलवायु परिवर्तनों के प्रति उनकी प्रतिक्रिया को समझने में मदद मिलेगी, जो मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक हो सकता है.
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