Imran Khan: गोल्ड की AK-47, 8 करोड़ की घड़ी...कौन से हैं वो गिफ्ट जिनकी वजह से गई इमरान खान की सदस्यता
Toshakhana Case: पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य करार दिया है.
Imran Khan Toshakhana Gifts: तोशाखाना मामले में पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री को इमरान खान (Imran Khan) को पांच साल के लिए अयोग्य करार दिया है. उन पर विदेशों से मिले उपहार चुराकर बाजार में बेचने का आरोप है. चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा कि इमरान खान के खिलाफ आपराधिक मामला भी शुरू किया जा सकता है. ऐसे में आशंका है कि अगर गुनाह साबित हो गया तो इमरान खान को जेल जाना पड़ेगा. ईसीपी (ECP) ने ये भी घोषणा की है कि इमरान खान अब संसद के सदस्य नहीं हैं.
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने एलान किया है कि वह इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग के फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वे सरकार के खिलाफ लोगों के बीच जाएंगे. वहीं विपक्षी नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है. चुनाव आयोग के फैसले पर सत्तारूढ़ पीएमएल-एन की नेता मरियम नवाज ने कहा कि इमरान खान अब प्रमाणित चोर साबित हुए हैं.
'नया पाकिस्तान' का नारा देकर आए थे सत्ता
चुनाव आयोग के बाद ये जानना जरूरी है कि इमरान खान योग्य घोषित क्यों किए गए और वो कौन से तोहफे थे, जिन्हें इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने तोशाखाना में जमा करने के बजाय निजी इस्तेमाल के लिए लिया था. इमरान खान 'नया पाकिस्तान' का नारा देकर सत्ता में आए थे. अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने शरीफ और जरदारी परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. प्रधानमंत्री की कुर्सी छीनने के बाद भी उन्होंने शहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को चोर, बूट पॉलिशर कहा था.
शहबाज शरीफ ने भी लगाया था आरोप
अब चुनाव ने ये साबित कर दिया है कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल में उपहारों का गलत इस्तेमाल किया है. इमरान खान सरकार से जब भी उन्हें विदेश से मिले तोहफे के बारे में सवाल पूछा गया तो कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर जानकारी देने से इनकार कर दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी दावा किया था कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद कहा था कि इमरान खान प्रधानमंत्री के तौर पर विदेशों से मिले उपहारों को बेचकर पैसा कमाते हैं.
इन गिफ्टस् को लेकर लगा है आरोप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने महज 4 करोड़ रुपये देकर पाकिस्तान सरकार के खजाने (तोशाखाना) से 14.2 करोड़ रुपये के 112 उपहार लिए थे. इसमें इमरान खान को दुनिया के विभिन्न देशों से सात रोलेक्स घड़ियां, अन्य महंगी घड़ियां, आई-फोन, सोने और हीरे के गहने, महंगे पेन, सोने के कफ लिंक, अंगूठियां, लाखों रुपये के डिनर सेट और इत्र सहित कई उपहार शामिल हैं. इमरान खान ने इन तोहफों को सरकारी तोशाखाना में जमा करने के बजाय अपने पास रखा था.
इसमें सबसे महंगा तोहफा एक गोल्डन रोलेक्स घड़ी थी. पाकिस्तान सरकार ने इसकी कीमत 8 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी थी. यह घड़ी इमरान खान को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने 18 सितंबर 2018 को दी थी. इमरान खान ने इस घड़ी को लेने के लिए पाकिस्तानी तोशाखान में केवल 1 करोड़ 70 लाख रुपये जमा किए थे. यह किसी पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष को दिया गया अब तक का सबसे महंगा विदेशी उपहार है.
सोने की AK-47 भी रखी अपने पास
सऊदी क्राउन प्रिंस ने इमरान खान को एक गोल्ड प्लेटेड कलाश्निकोव (AK-47) भी भेंट की है. यह AK-47 इमरान खान को सऊदी अरब के प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने दी थी, जो जनवरी 2019 में पाकिस्तान गए थे. इस राइफल के बारे में कुछ भी नहीं मिला. पाकिस्तानी सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक तोशाखाना में इस राइफल की कोई एंट्री नहीं है.
ऐसे में करोड़ों रुपये की इस राइफल को इमरान खान ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए अपने पास रखा था. इस राइफल की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुकी हैं. मार्च 2022 में खबर आई थी कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए इन उपहारों की जानकारी टैक्स अधिकारियों से छिपाई थी. सऊदी से मिली सोने की घड़ियों की जानकारी तीन साल तक छिपाने के बाद इमरान खान ने 2020-21 के टैक्स रिटर्न में इसे सार्वजनिक किया था.
गिफ्ट को लेकर क्या है नियम?
पाकिस्तान में, कोई भी राष्ट्राध्यक्ष, राजनेता या सार्वजनिक कार्यालय का अधिकारी अपने पास 10,000 रुपये से अधिक का उपहार नहीं रख सकता है. पाकिस्तान के गवर्नमेंट गिफ्ट डिपोजिटरी रूल्स के अनुसार सरकारी तोशाखाना में विदेशी उपहार जमा करना अनिवार्य है. वहां से उपहारों को खुली नीलामी में रखा जाता है. तब तक वह तोहफा देश की संपत्ति ही रहता है. यदि किसी नेता को 10000 से अधिक मूल्य का उपहार रखना है तो तोशाखाना (Toshakhana) में अनुमानित मूल्य जमा करने का नियम है. इन नियमों का फायदा उठाकर इमरान खान (Imran Khan) ने कम पैसे देकर ज्यादा कीमत के तोहफे अपने पास रख लिए थे.
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