नई दिल्ली: WHO का मानना है कि देशों को लॉकडाउन करने से कोरोना को नहीं खत्म किया जा सकता है. स्वास्थ्य से जुड़े उपायों पर काम करना और उनको आज़माने से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. बीबीसी से बात करते हुए WHO के प्रवक्ता रेयान ने कहा कि इस वक्त ज़रूरी है कि हम हर उस शख्स को ढूंढे जो बीमार है या जो इस बीमारी की चपेट में आ चुका है और उसे आइसोलेट किया जाए.


रेयान का मानना है कि लोकडाउन से खतरा बढ़ रहा है, अगर हम अभी वायरस से लड़ने के लिए इलाज को अपनाते है तो ये लॉकडाउन खत्म होने के बाद और खतरनाक साबित हो सकता है. यूरोप और अमेरिका ने कोरोना वायरस को देखते हुए कड़े नियम लागू करते हुए वर्क फ्रॉम होम के आदेश दिए साथ ही स्कूल, कॉलेज, बार समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद करने का ऐलान किया.


रेयान ने आगे बात करते हुए कहा कि ये वक्त वायरस से भागने का नहीं, बल्कि वायरस पर काम कर उसका इलाज ढूंढकर उस पर लगाम लगाने का है. इटली इस वक्त वायरस की भहकंर चपेट में है, वहीं यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है अगर हम लोग सामाजिक संपर्क से बचते है.


यह पूछे जाने पर कि ब्रिटेन में वैक्सीन बनने में कितना समय लगेगा रेयान ने कहा कि लोगों को बाहर निकलने की जरूरत है, इस वक्त जो हम कर सकते है उसे हमें करना चाहिए. हमें कोरोना वायरस से भागने की जरूरत नहीं.



ये भी पढ़े.


दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान क्या खुलेगा और क्या-क्या बंद रहेगा, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट


कोरोना वायरस: अफवाहों का बाजार गर्म, उत्तर भारत में सोते हुए लोगों को आ रहे हैं फोन- उठ जाओ वरना पत्थर बन जाओगे