भारतीय मूल के एक प्रतिष्ठित अमेरिकी प्रोफेसर ने मंगलवार (16 अप्रैल) को यहां कहा कि भारत में इस सप्ताह शुरू होने वाले संसदीय चुनाव पिछले कुछ समय की तुलना में सबसे महत्वपूर्ण चुनाव होंगे. जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इरफान नूरुद्दीन ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों में गिरावट के संबंध में आलोचना थोड़ी ज्यादा लगती है, लेकिन कर अधिकारियों का उपयोग करके नेताओं को निशाना बनाने के मामलों की अधिक पड़ताल की जरूरत है.


प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीति विषय के प्रोफेसर हमाद बिन खलीफा अल सानी नूरुद्दीन ने कहा, 'पिछले कुछ समय की तुलना में ये चुनाव हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. एक ओर, आपके पास एक बहुमत वाली सरकार है जो अपने बहुमत का विस्तार करना चाह रही है, लेकिन इससे भारत के साथ-साथ विदेश में भी इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि भारत को लोकतांत्रिक पतन, विरोध जताने को लेकर डर, धमकी, विशेष रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसी चर्चित हस्ती की गिरफ्तारी और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर चिंता का सामना करना पड़ सकता है.'


उन्होंने कहा, 'लेकिन अंतत: यह चुनाव भारतीय लोगों के लिए है. और मुझे लगता है कि दुनिया की नजरें मतदान की दर और इस बात पर रहेंगी कि चुनाव कितने प्रतिस्पर्धी हैं ताकि परिणाम चाहे जो भी हो, भारत के लोकतंत्र में विश्वास एक बार फिर से बहाल हो सके.' नूरुद्दीन ने कहा, 'भारत में लोकतंत्र के बारे में चिंताएं कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई लगती हैं क्योंकि इस समय हमारे पास अब भी एक प्रतिस्पर्धी पार्टी परिदृश्य है, जिसमें कई पार्टियां काफी स्वतंत्र रूप से सरकार की आलोचना कर रही हैं.' उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का हिस्सा है.'


प्रोफेसर ने कहा, 'दूसरी ओर, मुझे लगता है कि विशेष रूप से कुछ खास राजनेताओं और सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाने के लिए कर अधिकारियों के उपयोग के बारे में चिंता एक ऐसी चीज है जिसकी अधिक पड़ताल की आवश्यकता है.'


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