Lok Sabha Election Result: इंडिया में NDA की जीत नहीं पचा पाया चीन! राष्ट्रवाद का नाम ले PM नरेंद्र मोदी को बनाया निशाना
China on Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में एनडीए की जीत पर चीन के मीडिया ग्लोबल टाइम्स में लेख छपा है, जिसमें एक्सपर्ट्स के हवाले से भारत के अगले पांच साल को निराशाजनक बताया है.
China on Lok Sabha Election Results: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की जीत पर चीन की टिप्पणी आई है. वहां के सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' ने विशेषज्ञों के हवाले से प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखकर टिप्पणी की. चीन के मीडिया की ओर से लिखा गया, 'चार जून 2024 को भारत के पीएम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करके लोकसभा चुनाव में जीत का दावा किया. हालांकि, चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की चीनी विनिर्माण के साथ प्रतिस्पर्धा और भारत के कारोबारी महौल को बढ़ाने की महत्वाकांक्षा को पूरा करना कठिन होगा."
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, "नरेंद्र मोदी की बीजेपी पूर्ण बहुमत पाने में फेल रही. ऐसे में पीएम के लिए आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने में मुश्किल होगी. हालांकि, राष्ट्रवाद का कार्ड खेलना आसान है. भारत-चीन के बीच संबंधों में बहुत सुधार होने की संभावना कम है. मंगलवार रात वोटों की गिनती लगभग पूरी होने के करीब थी. आश्चर्यजनक रूप से नरेंद्र मोदी के गठबंधन को मामूली अंतर से जीत मिली."
भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य अस्थिर- चीन
चीन के मीडिया ने बताया कि भारतीय चुनाव परिणाम के रुझानों ने वित्तीय बाजारों को डरा दिया. उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत होगी लेकिन ऐसा नहीं होने पर शेयरों में भारी गिरावट आई. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी तेजी से गिरा और बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हुई. बाजार में आई उथल-पुथल से से पता चलता है कि व्यापार और वित्तीय संसाधनों के अलावा अंतरराष्ट्रीय पूंजीपति भी भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर अधिक आश्वस्त नहीं हैं.
बीजेपी हिंदू राष्ट्र को कर सकती है प्रोत्साहित
चीन के फुडन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के उप-निदेशक लिन मिनवांग ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आंतरिक और बाहरी नीतियों को जारी रखेगी. नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और विकास को सकार करना चाहते हैं लेकिन यह उनके लिए काफी मुश्किल भरा काम होगा. उनकी पार्टी बहुमत हासिल करने में विफल रही है. ऐसे में आर्थिक सुधार का एजेंडा निर्धारित करना कठिन होगा. ऐसी स्थिति में 'बीजेपी हिंदू राष्ट्र को प्रोत्साहित करने के एजेंडे को और मजबूत कर सकती है.