London Mayor Election : लंदन में आज यानी 2 मई को मेयर पद के लिए चुनाव हो रहा है. इसमें भारतीय मूल के तरुण गुलाटी समेत 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लेबर पार्टी की तरफ से पाकिस्तान मूल के सादिक खान, कंजरवेटिव पार्टी की सुसान हाल और तरुण गुलाटी के बीच टक्कर बताई जा रही है. पाकिस्तानी मूल के सादिक खान और तरुण गुलाटी की वजह से चुनाव को भारत-पाकिस्तान मैच की तरह देखा जा रहा है. हालांकि, तरुण गुलाटी जीत पाएंगे या नहीं ये तो 4 मई को ही पता चलेगा, क्योंकि 4 मई को चुनाव के परिणाम आएंगे. तरुण का कहना कि उन्हें कितने वोट मिलेंगे, यह अलग बात है, लेकिन वे खुद के सबसे सक्षम और अनुभवी उम्मीदवार होने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने बताया, अगर वह लंदन के मेयर बनते हैं तो किस नीति अपनाएंगे. उन्होंने सिटी प्लानिंग ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई.
तरुण गुलाटी ने ओपिनियन पोल किए खारिज
तरुण गुलाटी ने चुनाव से एक दिन पहले शाम को द हिन्दू से बात की. उन्होंने बताया कि मैं एक इन्वेस्टर बैंकर और रणनीतिक सलाहकार हूं. वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उम्मीद है कि जीतने के बाद लोगों के जीवन को आसान बनाऊंगा, अपने अनुभव से लंदन में फंड की कमी नहीं रहने दूंगा.
उन्होंने कहा, लंदन में लूट और स्नैचिंग जैसे क्राइम बढ़े हैं, उन्हें रोकने के लिए अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात करेंगे. लोगों को सस्ता घर, अच्छी सड़कें बनाने के लिए पॉलिसी तैयार करेंगे.
बातचीत में उन्होंने इजरायल गाजा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने गाजा का समर्थन करते हुए इसे नरसंहार बताया. वहीं, विदेश में जन्में मेयर के सवाल पर उन्होंने कहा, आपको ऐसे राजनेताओं की जरूरत नहीं है, जिन्होंने लंदन के लिए दृष्टिकोण को धुंधला कर दिया है और लंदन को विफल कर दिया है.
गुलाटी ने कहा, उनकी भारतीय परवरिश ने दुनिया को एक परिवार मानने की धारणा में विश्वास करना सिखाया, जिसे उन्होंने 'वसुधैव कुटुंबकम ' के रूप में वर्णित किया. उन्होंने उन ओपिनियन पोल को भी खारिज कर दिया, जिनमें मौजूदा सादिक खान को अच्छी बढ़त दिखाई गई है, उसके बाद सुसान हाल, लिब डेम पार्टी (रॉब ब्लैकी) और ग्रीन पार्टी (ज़ो गारबेट) के उम्मीदवार हैं.
सिर्फ 5 फीसदी वोट है भारतीय मूल का
चुनाव प्रचार में गुलाटी अपने भारतीय होने का खूब जिक्र करते नजर आ रहे हैं. उनकी नजर भारतीय मूल के लंदनवासियों के वोटों पर है. लंदन में करीब 60 लाख मतदाता हैं. इनमें भारतीय मूल के लोगों का वोट महज 5 फीसदी है. लेकिन तरुण को लगता है कि भारतीय मूल के साथ-साथ उनको बाकी लंदनवासियों के भी वोट मिलेंगे. वह सादिक को कई मोर्चों पर पूरी तरह से फेल बताते हैं. वे कहते हैं कि लंदन में रहना काफी महंगा हो गया है. अपराध काफी बढ़ा है. यातायात बड़ी समस्या है और इस वजह से लंदन वासी उनको वोट करेंगे.