(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'भारत विरोधी बयानबाजी', लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र को इलेक्शन से किया गया डिस्क्वालीफाई
Disqualified From Union Election: LSESU के स्टूडेंट करण कटारिया यूनियन इलेक्शन का चुनाव लड़ रहे थे. उनका आरोप है कि 'हिंदू राष्ट्रवादी' होने का आरोप लगाकर उन्हें इलेक्शन से डिसक्वालीफाई कर दिया गया.
Disqualified From Union Election: लंदन के एक कॉलेज में भारतीय मूल के छात्र के साथ धर्म और देशविरोधी बयानों के खिलाफ बोलने को लेकर भेदभाव किए जाने का मामला सामने आया है. लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के लॉ स्कूल के एक भारतीय मूल के छात्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि कैंपस में धर्म और भारत विरोधी बयानों के खिलाफ बोलने के आधार पर भेदभाव किया जाता है. ये आरोप एलएसई कैंपस से मास्टर्स कर रहे और एलएसई के जनरल सेक्रेटरी ऑफ स्टूडेंट यूनियन वकील करण कटारिया ने लगाए हैं.
वकील करण कटारिया ने रविवार (2 अप्रैल) को ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें "हिंदू राष्ट्रवादी" होने के चलते जनरल सेक्रेटरी पद के लिए लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था. उन्होंने ट्वीट में आरोप लगाया कि मैं भारत के पक्ष में बयान और हिंदूफोबिया की वजह से व्यक्तिगत, शातिराना तरीके से टारगेट किया गया. उन्होंने कहा कि मैं मांग करता हूं कि कॉलेज इस बारे में सही फैसला ले. साथ ही उन्होंने लिखा कि मैं इस हिंदूफोबिया का शिकार नहीं बनूंगा और शांत नहीं रहूंगा.
दोस्तों ने चुनाव लड़ने के लिए किया था प्रेरित
कटारिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक स्टेटमेंट शेयर किया. जिसमें लिखा था कि उन्हें कोहोर्ट के अकादमिक प्रतिनिधि के रूप में चुना गया और छात्रों के लिए राष्ट्रीय संघ के एक प्रतिनिधि के रूप में भी चुना गया था. उन्होंने कहा कि उनके दोस्तों ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन कुछ लोग LSESU का नेतृत्व करने के लिए एक भारतीय-हिंदू को नही देख सके. जिसकी वजह से उन्होंने मेरी इमेज खराब की. करण ने कहा कि यह चीजें हमारे सामाजिक समुदायों को उखाड़ रही है.
"Disqualified from Union election due to 'anti-India rhetoric": London School of Economics student claims
— ANI Digital (@ani_digital) April 4, 2023
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पहचान के आधार पर बनाया जा रहा है निशाना
करण कटारिया ने कहा कि सभी राष्ट्रीयताओं के छात्रों से मिलने के बावजूद मुझे LSE छात्र संघ के महासचिव चुनाव से अयोग्य घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ होमोफोबिक, इस्लामोफोबिक, क्विरोफोबिक और हिंदू राष्ट्रवादी होने के आरोप थे. इसके बाद मेरे खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं. कटारिया ने कहा कि मेरी इमेज को बदनाम करने के लिए कई झूठे आरोप लगाए गए, जबकि मैंने हमेशा बदलाव और सामाजिक के फायदे की बात कही है.
करण ने बताया कि मतदान के दिन भारतीय छात्रों को उनकी राष्ट्रीय और हिंदू धार्मिक पहचान के लिए धमकाया गया और निशाना बनाया गया. सोमवार (3 अप्रैल) को एलएसई की एक अन्य छात्रा तेजस्विनी शंकर ने आरोप लगाया कि छात्र संघ चुनाव में कटारिया का समर्थन करने के लिए उसे निशाना बनाया जा रहा है. उसने यह भी दावा किया कि उसे उसकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है.
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