पेरिस: फ्रांस के मतदाता शनिवार को संसदीय चुनाव के पहले चरण के मतदान में हिस्सा लेंगे और इस बार राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की पार्टी बहुमत हासिल करने की स्थिति में नजर आ रही है. राष्ट्रपति चुनाव में धुर दक्षिणपंथी मरीन ला पेन को पराजित करने के बाद राष्ट्रपति बने मैक्रों का पांच सप्ताह का कार्यकाल काफी सहज रहा है. उन्होंने अपनी कैबिनेट में वाम और दक्षिण दोनों विचारधारा के लोगों को जगह दी और अंतरराष्ट्रीय शिखर बैठकों में बड़ी छाप छोड़ चुके हैं.


मैक्रों ने अप्रैल, 2016 में अपनी मध्यमार्गी ‘रिपब्लिके एन मार्चे’ (रेम) पार्टी का गठन किया था और राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर उनकी पार्टी की बुनियाद मजबूत हो गई. उन्होंने जिन सुधारों का वादा किया है, उनके लिए जरूरी है कि संसदीय चुनाव में उनकी पार्टी को बहुमत मिले. कई चुनाव सर्वेक्षणों में कहा गया है कि मैक्रों की पार्टी को आज करीब 30 फीसदी वोट मिल सकते हैं और वह दूसरे चरण के बाद पूर्ण बहुमत हासिल करने की स्थिति में पहुंच जाएगी. दूसरे चरण का मतदान एक सप्ताह बाद होना है.


सर्वेक्षण यदि सही साबित हुए तो रेम पार्टी को 577 सदस्यीय सदन में 400 सीटें मिल सकती हैं. इस पार्टी का हौसला पहले ही बुलंद हो चुका है क्योंकि उसे फ्रांस की विदेश के 11 संसदीय क्षेत्रों में से 10 में पहला स्थान मिला है. अगर पहले चरण के मतदान में कोई उम्मीदवार 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल नहीं करता तो सबसे अधिक दो वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार दूसरे चरण के मतदान में उतरेंगे.


फ्रांस में मतदान केंद्र स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे खुलेंगे और बड़े शहरों में रात आठ बजे मतदान संपन्न होगा. हाल के आतंकी हमलों के बाद फ्रांस में आपातकाल की स्थिति में है और ऐसे में 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी गश्त पर होंगे.