पेरिस: फ्रांस के संसदीय चुनावों में पहले दौर के मतदान में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी सबसे आगे रही है. मैक्रों की पार्टी के आगे रहने से उम्मीद लगाई जा रही है कि उन्हें महत्वाकांक्षी सुधारों के अपने कार्यक्रम को लागू करने के लिए बड़ा बहुमत मिल सकता है.


शुरुआती नतीजों के आधार पर सामने आए अनुमान में मैक्रों की साल भर पुरानी पार्टी रिपब्लिक एन मार्शे (आरईएम) और इसकी सहयोगी मोडेम को 32.2 से 32.9 फीसदी वोट मिलता दिखाया गया है, जबकि दक्षिणपंथी रिपब्लिकन को 20.9 से 21.5 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है. धुर दक्षिणपंथी नेशनल फ्रंट 13.1 से 14 फीसदी वोटों के साथ तीसरे पायदान पर है.


सीटों की संख्या की बात करें तो रविवार को दूसरे दौर के मतदान के बाद 577 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में मैक्रों के गठबंधन को 390 से 445 सीटें हासिल हो सकती हैं. मैक्रों और उनकी पार्टी के प्रदर्शन ने फ्रांस की परंपरागत पार्टियों को हैरान कर दिया है .


संसदीय चुनावों में मैक्रों को उखाड़ फेंकने की उम्मीद लगाए बैठे रिपब्लिकन और मैक्रों के पूर्ववर्ती फ्रांस्वा ओलोंद की सोशलिस्ट पार्टी को जबरदस्त नुकसान होने के आसार हैं.


धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन को हराने के बाद से मैक्रों राजनीतिक रूप से सहज महसूस कर रहे हैं. वह सात मई को फ्रांस के अब तक के सबसे युवा राष्ट्रपति बने. उन्होंने अपनी कैबिनेट में वाम और दक्षिण, दोनों विचारधारा के लोगों को जगह दी .


बहरहाल, 2016 में गठित 14 माह पुरानी उनकी मध्यमार्गी ‘रिपब्लिक एन मार्शे’ (रेम) पार्टी को नेशनल असेंबली में स्पष्ट बहुमत की जरूरत है ताकि उन्होंने जिन सुधारों का वादा किया है, उन्हें पूरा कर सके.