Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के पवित्र अवसर पर संगम में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक शामिल हुए हैं. अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के तीर्थयात्रियों ने इस विशाल मानव समागम में भाग लेकर सनातन संस्कृति को गहराई से अनुभव किया. सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आयोजन हर 144 साल में एक बार होने वाले दुर्लभ खगोलीय संयोग के कारण विशेष महत्व रखता है.


PTI की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व अमेरिकी सैनिक माइकल, जो अब बाबा मोक्षपुरी के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा साझा की. उन्होंने बताया कि कैसे वे अपने जीवन में स्थायित्व की तलाश में भारत आए और जूना अखाड़े से जुड़कर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए खुद को समर्पित कर दिया. महाकुंभ का अनुभव उनके लिए "असाधारण" रहा है.


विभिन्न देशों से आए पर्यटकों की प्रतिक्रिया
स्पेन की क्रिस्टीना ने महाकुंभ की भव्यता को अद्भुत पल बताया. इटली की वेलेरिया ने इसे रोमांचक और अच्छे वाइब्स से भरा कहा, हालांकि ठंडे पानी के कारण उन्होंने शाही स्नान नहीं किया. ब्राजील के योग साधक शिकू ने इसे भारत का आध्यात्मिक हृदय बताते हुए कहा कि 144 साल बाद हो रहे इस आयोजन का हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है.


महाकुंभ की सांस्कृतिक विविधता
फ्रांस की पत्रकार मेलानी ने महाकुंभ में साधुओं से मिलना और इस जीवंत मेले को देखना एक जीवन में एक बार का अनुभव बताया. इक्वाडोर की क्रिस्टीना ने अपनी यात्रा को कभी न भूलने वाला आध्यात्मिक यात्रा के रूप में वर्णित किया. इटली के पाउलो और उनके 12 सदस्यीय दल ने आयोजन की व्यवस्थाओं की सराहना की. ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स ने इसे अपने जीवन का सबसे यादगार क्षण बताया.


स्टीव जॉब्स की वाइफ को मिला नया नाम
महाकुंभ मेले में आम विदेशी पर्यटकों के अलावा एप्पल के सह संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की वाइफ लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने भी शिरकत किया है. इस दौरान उनके गुरू स्वामी कैलाशानंद ने नया हिंदू नाम दिया है कमला दिया है. अरबपति महिला कारोबारी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने विश्व के इस सबसे बड़े धार्मिक समागम में कल संगम में डुबकी लगायी थी. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महंत रविंद्र पुरी ने मंगलवार को PTI से बातचीत में कहा, “उन्हें (लॉरेन) यहां नया नाम ‘कमला’ मिला है.


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