Mahsa Amini: शनिवार (16 सितंबर) को महसा अमिनी की मौत की सालगिरह पर ईरानी सुरक्षा बलों ने कुछ समय के उनके पिता को हिरासत में लिया. इस बात की पुष्टि स्थानीय मानवाधिकार समूह ने की.


द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों ने अमजद अमिनी को हिरासत में लिया और उनकी बेटी की बरसी मनाने के खिलाफ धमकी देने के बाद उन्हें जबरन घर लौटा दिया.


रिपोर्ट के अनुसार, महसा अमिनी की मौत की सालगिरह पर अशांति की आशंका में ईरानी सुरक्षा बलों को अमिनी के गृह नगर में तैनात किया गया था. दरअसल, देशभर में कई लोग पुलिस हिरासत में हुई महसा अमिनी की मृत्यु की पहली वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे थे. ऐसे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे. 


देशभर में हुए थे विरोध प्रदर्शन 


गौरतलब है कि महसा को कथित तौर पर हिजाब पहनने के नियम के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया गया था, जहां उनकी पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी. जिसके बाद देशभर में लोग सड़कों पर उतर आए थे. देशभर में महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. अमिनी की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शन ईरान के इस्लामी अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गए थे. हालांकि, कड़ी कार्रवाई के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कम हुए थे. 


500 से अधिक लोगों की हुई थी मौत 


रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों में 71 नाबालिगों सहित 500 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए. इतना ही नहीं, हिंसक प्रदर्शन के दौरान हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से बहुत लोग आज भी जेल में हैं.


हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने कहा कि विदेशी सरकारों और देश के दुश्मनों की तरफ से भड़काए गए दंगों में दर्जनों सुरक्षाकर्मी भी मारे गए. विरोध-संबंधी मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद सात लोगों को फांसी दे दी गई है. 


कैसे हुई थी महसा अमिनी की मौत? 


दरअसल, 16 सितंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में 22 साल की महसा अमिनी की मौत हो गई थी. महसा को ठीक से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में 3 दिन पहले ईरान की मॉरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलिस ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की थी, जिससे महसा कोमा में चली गई थी और फिर उनकी मौत हो गई थी. 


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